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कुंडली दोष मिटाने के लिए आज बना है विशेष योग, भगवान कार्तिकेय की पूजा से दूर होंगे रोग

शास्‍त्रों के अनुसार भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से कुंडली में आए दोष मिट जाते हैं। कुंडली दोष मिटाने के लिए 2 दिसंबर को षष्‍ठी तिथि होने के चलते विशेष योग बन रहे हैं। इस योग में भगवान कार्तिकेय की आराधना और व्रत पालन करने से दोष और रोग मिट जाते हैं।

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan2 Dec, 2019

 

 

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कैलाश का त्‍याग और दक्षिण में ज्‍योर्तिलिंग की स्‍थापना
पौराणिक मान्‍यताओं के मुताबिक भगवान कार्तिकेय अपने पिता भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती से नाराज होकर कैलाश छोड़कर चल दिए। उनके कैलाश त्‍यागने की सूचना पाकर उनके भाई भगवान गणेश कार्तिकेय को मनाने के लिए पहुंचे, लेकिन क्रोधित कार्तिकेय नहीं माने और दक्षिण की ओर चल दिए। कार्तिक माह की षष्‍ठी तिथि को उन्‍होंने मल्लिकार्जुन पर्वत पर ज्‍योर्तिलिंग की स्‍थापना की और तप करने लगे।

 

 

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ताड़कासुर का वध किया देवताओं के सेनापति बने
देवताओं के लिए मुसीबत बन चुके असुरों के अधिपति ताड़कासुर ने देवलोक पर चढ़ाई कर दी। ताड़कासुर को भगवान ब्रह्मा से वरदान मिला था कि वह शिवपुत्र के अलावा किसी और के हाथों नहीं मर सकेगा। इस वरदान के बाद ताड़कासुर बौखला गया और देवताओं को स्‍वर्ग छोड़ने के लिए विवश कर दिया। देवासुर संग्राम में देवताओं के हारने की बात जानकर मल्लिकार्जुन पर्वत पर तप कर रहे कार्तिकेय ने ताड़कासुर को चुनौती दी और उसका वध कर दिया। इस दिन कार्तिक माह की षष्‍ठी तिथि भी और इसी दिन कार्तिकेय को देवताओं की सेना का सेनापति नियुक्‍त किया गया।

 

 

 

 

आज दूर होगा कुंडली दोष और बीमारियां
हिंदू मान्‍यताओं के अनुसार भगवान कार्तिकेय को कार्तिक माह की षष्‍ठी तिथि बेहद प्रिय है। इस दिन वह संसार में मौजूद हर तरह के आतंक, दुख और दरिद्रता का नाश कर देते हैं। कार्तिकेय को षष्‍ठी तिथि और मंगल ग्रह का स्‍वामी बताया गया है। कार्तिक माह की षष्‍ठी तिथि का योग आज ही यानी 2 दिसंबर को है। इस दिन कार्तिकेय की मूर्ति को गंगा जल से स्‍नान कराने के बाद दक्षिण दिशा में स्‍थापित कर चंपा के फूल अर्पित करने चाहिए। उनकी आरती करने के बाद व्रत रखना चाहिए। ऐसा करने वाले जातकों का रोग, दुख और दरिद्रता दूर हो जाती है। जिन जातकों की कुंडली में कर्क राशि का दोष है वह भी मिट जाता है।…Next

 

 

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