तुलसी के पौधे का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व है। एक ओर जहां हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है, तो दूसरी ओर इसकी पत्तियों के सेवन से कई बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। प्राचीन काल से तुलसी को घर-आंगन में रखा जाता है। तुलसी को हिंदू धर्म में पवित्र और धार्मिक पौधा माना जाता है। कई धार्मिक कथाओं में भी तुलसी के पौधे का जिक्र किया गया है। ज्योतिषियों का कहना है कि तुलसी का पौधा घर में बहुत शुभ होता है। तुलसी को भगवान कृष्ण के भोग में रखना भी जरूरी बताया जाता है। कहा जाता है कि यदि संभव हो तो आंगन में अथवा घर में तुलसी का पौधा लगाएं और रोजाना उसके नीचे दीपक जलाएं, तो सुख-समृद्धि आती है। वहीं, तुलसी का पौधा यदि कार्तिक माह में लगाया जाए, तो इसका विशेष महत्व माना जाता है। यह कार्तिक महीना चल रहा है, तो आइये आपको बताते हैं इस पौधे के बारे में जरूरी बातें।
उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना बेहतर
माना जाता है कि तुलसी का पौधा घर में उत्तर दिशा, पूर्व दिशा या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा कभी नहीं लगाना चाहिए। तुलसी का सूखा पौधा कभी भी घर में नहीं रखना चाहिए। साथ ही सूखे पौधे को कहीं भी इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए, बल्कि इसे किसी कुएं में या किसी पवित्र स्थान पर चढ़ा देना चाहिए। इसकी जगह नया पौधा लगाना चाहिए। अगर पौधे की कुछ पत्तियां ही खराब हैं, तो उन्हें पौधे से निकालकर अलग कर दें।
पत्तों में रोग प्रतिरोधक क्षमता
तुलसी के पत्तों में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। इन पत्तों का सेवन करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। नियमित रूप से तुलसी का सेवन करने से सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। तुलसी के पौधे पर हुए एक रिसर्च के मुताबिक, तुलसी के पत्तों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को भी दूर करने के गुण हैं। कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों और बीज का सेवन करने से नपुंसकता भी खत्म हो जाती है।
सुबह के समय ही तोड़ें पत्ते
ऐसी मान्यता है कि तुलसी के पत्ते सुबह के समय ही तोड़ने चाहिए। किसी दूसरे समय पर इसके पत्ते तोड़ना अच्छा नहीं माना जाता। इतना ही नहीं, कहा जाता है कि तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते, तोड़ने के कई दिनों बाद भी इन पत्तों को पूजा में शामिल किया जा सकता है। इन्हें बार-बार धोकर भी देवताओं को चढ़ा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि रविवार के दिन तुलसी को जल चढ़ा सकते हैं, लेकिन उसके नीचे दीपक नहीं जलाना चाहिए। यह भी माना जाता है कि भगवान गणेश और मां दुर्गा को तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा यह ध्यान रखें कि जहां भी तुलसी का पौधा लगाया गया है, वहां कभी गंदगी न करें।
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