जिसके कारण उनका व्यक्तित्व और कर्म प्रभावित हुए. कुंती भी इस बात का अपवाद नहीं है.
क्या आप कुंती के जन्म से जुड़े रहस्य के बारे में जानते हैं. वास्तव में आज भी कितने ही लोग कुंती का असली नाम नहीं जानते. इसका कारण ये भी है कि महाभारत पर बने टीवी सीरियल्स में कुंती के जन्म से जुड़ी हुई कहानी को विस्तार से नहीं दिखाया गया. चलिए, हम आपको बताते हैं राजकुमारी कुंती के जन्म से जुड़े हुए रहस्य के बारे में.
तो इस तरह महाभारत में सुनाई गई रामायण की कहानी
पृथा था राजकुमारी कुंती का नाम
यदुवंश के प्रसिद्ध राजा शूरसेन श्रीकृष्ण के पितामह थे, जिनकी पृथा नामक एक पुत्री थी. शूरसेन के फुफेरे भाई कुंतीभोज की कोई सन्तान नहीं थी, इसलिए शूरसेन ने कुंतीभोज को वचन दिया कि उनकी पहली संतान को उन्हें गोद दे देंगे. फलस्वरूप पृथा शूरसेन की पहली पुत्री थी जिसे कुंतीभोज ने गोद लिया था. जिसके बाद पृथा का नाम कुंती पड़ गया.
इस प्रकार कुंती को मिला मंत्र द्वारा संतान उत्पत्ति का वरदान
एक बार कुंती के यहांं ऋषि दुर्वासा पधारे और कुंती ने उनकी खूब सेवा की. उनकी सेवा से प्रसन्न होकर ऋषि दुर्वासा ने कुंती को आशीर्वाद दिया कि वो जिस भी देवता का ध्यान करके मंत्र का उच्चारण करेगी, उस देवता के समान ही उसे पुत्र की प्राप्ति होगी. इस तरह कुंती ने सबसे पहले सूर्यदेव की स्तुति की, जिससे उन्हें महारथी कर्ण संतान के रूप में प्राप्त हुए. इसके बाद पांडु से विवाह होने के लिए बाद उन्हें युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की प्राप्ति हुई…Next
Read more
इस मंदिर में की जाती है महाभारत के खलनायक समझे जाने वाले दुर्योधन की पूजा
Read Comments