Menu
blogid : 19157 postid : 1341128

संसार के विनाशक भगवान शिव का ऐसे हुआ था जन्म, शिवमहापुराण में इस देवता को बताया गया पिता

कहते हैं इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है, उसकी मृत्यु होनी निश्चित है. प्रकृति का ये नियम भगवान पर भी समान रूप से लागू होता है. भगवान श्रीकृष्ण और राम ने मनुष्य रूप में जन्म लिया था, उन्हें भी संसारिक बंधन को छोड़कर बैकुंठ लोक लौटना पड़ा.इसी तरह त्रिदेवों में बात करें भगवान शिव की तो, माना जाता है कि शिव शक्ति पुंज के रूप में युगों-युगों से संसार में विद्यमान है. शिव निराकार है. जन्म और मृत्यु के बंधनों से शिव मुक्त हैं लेकिन शिव महापुराण में भगवान शिव के जन्मदाता की एक कहानी मिलती है.



शिव महापुराण के अनुसार भगवान शिव के पिता के लिए एक कथा है. इसमें एक खंड देवी महापुराण के अनुसार,  एक बार जब नारदजी ने अपने पिता ब्रह्माजी से सवाल किया कि इस सृष्टि का निर्माण किसने किया? आपने, भगवान विष्णु ने या फिर भगवान शिव ने? आप तीनों को किसने जन्म दिया है यानी आपके तीनों के माता-पिता कौन हैं?


तब ब्रह्मा जी ने नारदजी से त्रिदेवों के जन्म की गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि देवी दुर्गा और शिव स्वरुप ब्रह्मा के योग से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति हुई है. यानि प्रकृति स्वरुप दुर्गा ही माता हैं और ब्रह्म यानि काल-सदाशिव पिता हैं.





एक बार श्री ब्रह्मा जी और श्री विष्णु जी का इस बात पर विवाद हो गया कि ब्रह्मा जी ने कहा मैं तुम्हारा पिता हूं क्योंकि यह संसार मुझसे उत्पन्न हुई है. इस पर विष्णु जी ने कहा कि मैं तुम्हारा पिता हूं, तुम मेरी नाभि कमल से उत्पन्न हुए हो.





विवाद होने पर दोनों एक-दूसरे से रूष्ट हो गए. उसी समय सदाशिव यानी काल ब्रह्म ने उन दोनों के बीच में एक सफेद रंग का चमकता हुआ स्तंभ खड़ा कर दिया, फिर स्वयं शंकर के रूप में प्रकट होकर उनको बताया कि ‘तुम कोई भी कर्ता नहीं हो. तुम तीनों मेरे ही अंश हो’.



शिवमहापुराण की इस कहानी के अनुसार कि श्री शकंर जी की माता श्री दुर्गा देवी (अष्टंगी देवी) है तथा पिता सदाशिव अर्थात् ‘काल ब्रह्म’ है. पुराणों में ऐसी कई कहानियां मिलती हैं.…Next


Read More:

क्यों सोमवार को ही भगवान शिव की पूजा करना अधिक लाभदायक है?

शिव ने इस कारण लिया था अर्धनारीश्वर का रूप, ये है रहस्य

कैसे मिली शिव को तीसरी आंख? यह राज कोई धार्मिक सीरियल नहीं बताता

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh