Menu
blogid : 19157 postid : 1140325

इस घटना के कारण डाकू से ऋषि बन गए थे वाल्मिकी, इनके नाम के पीछे छुपा है ये रहस्य

कहते हैं कभी-कभी जीवन में घटी एक घटना पूरे जीवन को बदल सकती है. जो व्यक्ति स्वार्थ और बुराईयों से घिरा रहता है. वो एक पल में जीवन की मोह-माया त्यागकर सत्य की खोज में निकल सकता है. कुछ ऐसी ही कहानी है रामायण के रचयिता वाल्मिकी के जीवन की. जो पहले एक लुटेरे थे. जिनका काम जंगल के मार्ग से गुजर रहे मनुष्यों से, लूटपाट करना था. लेकिन उनके जीवन में एक ऐसी घटना घटी जिससे उनका हृदय परिवर्तन हो गया. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार उन्होंने वन से गुजर रहे साधुओं को लूटने और मारने का प्रयास किया. सभी साधु मौत को समीप देख भयभीत हो गए.


vamiki

इस रामायण के अनुसार सीता रावण की बेटी थी

लेकिन उनमें से एक साधु को किसी बात का भय नहीं था क्योंकि जीवन के प्रति उनका नजरिया थोड़ा अलग था. साधु ने सबसे पहले ‘रत्नाकर’ नामक इस लुटेरे से प्रश्न किया कि ‘तुम ये सब क्यों और किसके लिए कर रहे हो?’ अंत में साधु के पूछने पर उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वे यह सब अपनी पत्नी और बच्चों के लिए कर रहे है. तब साधु ने उन्हें ज्ञान देते हुए कहा कि ‘जो भी पाप कर्म तुम कर रहे हो, उसका दंड केवल तुम्हें ही भुगतना पड़ेगा. तुम जाकर अपने परिवार वालों से पूछकर आओ कि क्या वे तुम्हारे इस पाप के भागीदार बनेंगे’ रत्नाकर ने ऐसा ही किया. उसने अपने घर जाकर ये बात अपनी पत्नी और बच्चों से पूछी. इस बात पर उसकी पत्नी और बच्चों ने अपनी असहमति प्रदान की और कहा कि ‘हम आपके इस पाप कर्म में भागीदार नहीं बनेंगे’.


Valmiki1

रामायण के जामवंत और महाभारत के कृष्ण के बीच क्यों हुआ युद्ध

तब वाल्मीकि को अपने द्वारा किए गए पाप कर्म पर बहुत पछतावा हुआ और उन्होंने साधु मंडली को मुक्त कर दिया.  साधु मंडली से क्षमा मांगकर जब वाल्मीकि लौटने लगे तब साधु ने उन्हें तमसा नदी के तट पर ‘राम-राम’ नाम जपकर, अपने पाप कर्म से मुक्ति का मार्ग बताया. वो सालों तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए तपस्या में लीन रहे इस कारण से उनके चारों ओर चीटियों ने पहाड़ बना लिया. इसी तपस्या के फलस्वरूप ही वह वाल्मीकि के नाम से प्रसिद्ध हुए, क्योंकि संस्कृत में वाल्मिकी का अर्थ होता है चीटियों की पहाड़ी. उन्होंने ज्ञान प्राप्ति के बाद रामायण की महान रचना की. उन्हें आदिकवि के नाम से पुकारा गया और यही नाम आगे चलकर ‘वाल्मीकि रामायण’ के नाम से अमर हो गया…Next

Read more

ये देवता आज भी हैं हमारे बीच – पढ़िए इस अद्भुत पौराणिक तथ्यों को

विमान उड़ाने के लिए रावण ने यहां बनवाए थे हवाई अड्डे

रामायण में वर्णित ‘पुष्पक विमान’ क्या है?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh