हम ऐसे आधुनिक युग में जी रहे हैं जहां किसी बात को बनते और बिगड़ते समय नहीं लगता. कई बार ऐसा भी हो जाता है कि हमारे किसी प्रियजन से ऐसे मतभेद हो जाते हैं जिससे उम्र भर हमारी उनसे बात नहीं हो पाती लेकिन आचार्य चाणक्य जीवन की ऐसी परिस्थियों के बारे में बताते हैं जिसमें अगर कोई व्यक्ति या आपका दुश्मन भी साथ दे, तो वो व्यक्ति आपका सबसे बड़ा हितैषी होता है. चाहे अतीत में आपकी उस व्यक्ति से कितनी भी बहस या लड़ाई-झगड़ा क्यों न हुआ हो. चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि जो इंसान निम्न 6 परिस्थितियों में आपका साथ दे, वे ही आपके सच्चे हितैषी या सच्चा मित्र है.
बीमारी के समय
जब आप किसी भयंकर बीमारी से ग्रस्त हो और उस वक़्त जो लोग आपका साथ दे, वे ही आपके सच्चे हितैषी है.
के समय
जब जीवन में कोई भयंकर दुख आ जाए और उस वक़्त जो लोग आपका साथ दे, वे ही आपके सच्चे हितैषी है.
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अकाल के समय
जब कभी अकाल पड़ जाए और उस वक़्त जो लोग आपका साथ दे, वे ही आपके सच्चे हितैषी है.
के समय
जब कभी आप पर किसी शत्रु का संकट आए और उस वक़्त जो लोग आपका साथ दे, वे ही आपके सच्चे हितैषी है.
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शासकीय कार्यों में
जब कभी आप किसी मुक़दमे, कोर्ट केस में फँस जाए और उस वक़्त जो लोग आपका साथ दे, वे ही आपके सच्चे हितैषी है.
शमशान में
किसी अपने की मृत्यु होने पर जो लोग आपका साथ दे, वे ही आपके सच्चे हितैषी है.
ये 6 हालात ऐसे हैं जहां आपका सच्चा हितैषी ही साथ दे सकता है. अत: जो इन स्थितियों में आपका साथ देता है उनसे मित्रता कभी भी नहीं तोडऩा चाहिए. सदैव उनसे स्नेह रखें…Next
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