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इस कारण से ‘किन्नर’ के रूप में होता है जन्म, शास्त्रों में बताया गया है ये रहस्य

वो बिल्कुल हम जैसे ही है, लेकिन शारीरिक बनावट थोड़ी अलग होने के कारण समाज में उन्हे तिरछी नजरों से देखा जाता है. हम बात कर रहे हैं ‘किन्नर’ या फिर ‘ट्रांसजेंडर्स’ की. समाज में जहां एक ओर इन्हें हर खुशी के मौके पर बुलाया जाता है वहीं दूसरी तरफ इन्हें मान-सम्मान की नजरों से नहीं देखा जाता. बल्कि हम में से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो इनका मजाक उड़ाने में भी पीछे नहीं हटते. लेकिन क्या आप जानते हैं ? शास्त्रों के अनुसार ये माना जाता है कि किन्नरों पर स्वयंं भगवान का आर्शीवार्द होता है. ये लोग जिसके भी सिर पर हाथ रख देते हैं उनकी सोई किस्मत भी जाग जाती है. फिर भी कहीं न कहीं आपके मन में भी ये सवाल जरूर आया होगा कि मनुष्य का जन्म किन्नर के रूप में क्यों होता है? आइए हम आपको बताते हैं.


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ज्योतिष शास्त्र में उल्लेख किए गए कारण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मपत्री के आठवें घर में शुक्र और शनि मौजूद हों और इन्हें गुरू, चन्द्र नहीं देख रहे हों तो व्यक्ति नपुंसक हो सकता है.

कुंडली में जिस घर में शुक्र बैठा है उससे छठे या आठवें घर में शनि है, तो व्यक्ति में प्रजनन क्षमता की कमी हो सकती है. अगर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि है, तो इस तरह की समस्या से बचाव होता है.

जन्म के समय कुंडली में शनि छठे या बारहवें घर में, कुंभ या मीन राशि पर हों, और ऐसे में कोई शुभ ग्रह शनि को नहीं देख रहा हो तो व्यक्ति में प्रजनन क्षमता की कमी हो जाती है और व्यक्ति किन्नर हो सकता है.


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मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुंभ लग्न हो और वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन राशि में मंगल हो और इसकी दृष्टि लग्न स्थान यानी पहले घर या पहले घर के स्वामी पर हो तो व्यक्ति में अविकसि‌त जननांग हो सकता है. वीर्य की अधिकता होने से पुरुष संतान और रक्त की अधिकता से कन्या संतान की प्राप्ति होती है. लेकिन जब गर्भ धारण में रक्त और रज की मात्रा बराबर हो जाती है, तो व्यक्ति नपुंसक पैदा होता है.


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पूर्व जन्मों के कर्म

महाभारत में अर्जुन को उर्वशी द्वारा किए गए प्रभाव के कारण किन्नर बनना पड़ा था. वहीं पौराणिक कथाओं में ऐसे कई प्रसंग हैंं जिनसे पता चलता है कि पूर्वजन्म में किए गए पाप या किसी की नपुंंसकता का उपहास करने वाले व्यक्ति को अगले जन्म में किन्नर बनकर पाप भोगना पड़ता है.

ज्योतिष शास्त्र में किन्नर बनने के कारण का उल्लेख जरूर किया गया है, लेकिन कहीं पर भी किन्नरों के अपमान या उन्हें निचले दर्जे के मनुष्य समझे जाने के बारे में नहीं कहा गया है. इसलिए किन्नरोंं को भी मान-सम्मान देना अनिवार्य है… Next


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