भारत के सबसे प्रतिष्ठित गणेशजी के मंदिरों में से एक “सिद्धिविनायक मंदिर” है. यूं तो सिद्धिविनायक के भक्त दुनिया के हर कोने-कोने में हैं लेकिन महाराष्ट्र में इनके भक्त सबसे ज्यादा हैं. महाराष्ट्र में गणपति पूजा की ऐतिहासिक लोकप्रियता से हम सभी परिचित हैं. समृद्धि की नगरी मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर उन गणेश मंदिरों में से एक है, जहां सिर्फ हिंदू ही नहीं, बल्कि हर धर्म के लोग दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. इस मंदिर का निर्माण संवत् 1692 में हुआ था. लेकिन सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक इस मंदिर का 19 नवंबर 1901 में पहली बार निर्माण हुआ था.
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के सिद्ध टेक के गणपति भी सिद्धिविनायक के नाम से जाने जाते हैं और उनकी गिनती अष्टविनायकों में की जाती है. महाराष्ट्र में गणेश दर्शन के आठ सिद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल हैं, जो अष्टविनायक के नाम से प्रसिद्ध हैं. लेकिन अष्टविनायकों से अलग होते हुए भी इसकी महत्ता किसी सिद्ध-पीठ से कम नहीं. इस मंदिर की न तो महाराष्ट्र के ‘अष्टविनायकों ’ में गिनती होती है और न ही ‘सिद्ध टेक’ से इसका कोई संबंध है, फिर भी यहां गणपति पूजा का खास महत्व है.
मान्यता है कि जिन गणेश प्रतिमा की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं. इस मंदिर के विषय में ये भी मशहूर है कि यहां विराजे गणपति अपने दर से किसी को खाली हाथ नहीं भेजते है. कहते हैं कि सिद्धिविनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं. यहां स्थापित गणेश की प्रतिमा भी विशिष्ट है. भव्य सिंहासन पर स्थापित ढाई फुट ऊंची और दो फुट चौड़ी प्रतिमा एक ही काले पत्थर से गढ़ी गई है. उनकी चार भुजाओं में से एक में कमल, दूसरे में फरसा, तीसरे में जपमाला और चौथे में मोदक है. बाएं कंधे से होते हुए उदर पर लिपटा सांप है. माथे पर एक आंख उसी तरह से है, जैसे शिव की तीसरी आंख होती है. प्रतिमा के एक तरफ रिद्धि व दूसरी तरफ सिद्धि की प्रतिमा है. सिद्घिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है.
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संकष्टी चतुर्थी और अंगारकी के दिन सिद्धिविनायक मंदिर में लाखों भक्त आते हैं. मंगलवार के दिन यहाँ पर हजारों भक्तों की भीड़ रहती है. गणेश भगवान का यह मंदिर मुंबई की पहचान से जुड़ा है. इसे सिलेब्रिटी मंदिर कहा जाता है क्योंकि बॉलिवुड का लगभग हर सिलेब्रिटी इस मंदिर में माथा टेकने आता है. सिद्धिविनायक मंदिर को मुंबई का सबसे धनी मंदिर माना गया है हर साल इस मंदिर में लगभग 50 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ता है. भगवान गणेश के ऊपर लगे सोने के छत्र का वजन 3.5 किलो है. 1975 के बाद से इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में आश्चर्यजनक तरीके से इजाफा हुआ है.
सिद्धिविनायक मंदिर की इमारत पांच मंजिला है और यहां प्रवचन ग्रह, गणेश संग्रहालय व गणेश विद्यापीठ के अलावा दूसरी मंजिल पर अस्पताल भी है, जहां रोगियों की मुफ्त चिकित्सा की जाती है. इसी मंजिल पर रसोईघर है, जहां से एक लिफ्ट सीधे गर्भग्रह में आती है. पुजारी गणपति के लिए निर्मित प्रसाद व लड्डू इसी रास्ते से लाते हैं. Next…
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