‘रासरसिया मेरे श्रीकृष्ण’. क्या आपने कभी सोचा है कि श्रीकृष्ण को रासरसिया क्यों कहा जाता है? आप में से अधिकतर लोगों का जवाब होगा कि श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला रचाया करते थे. वहीं कुछ लोग ये भी कहेंगे कि उनकी 16 हजार 8 पत्नियां थी. लेकिन क्या वास्तव में श्रीकृष्ण की 16 हजार 8 पत्नियां थी? इसके बारे में भागवतपुराण में उल्लेख मिलता है.
भागवतपुराण के अनुसार श्रीकृष्ण के आठ सिद्धातों के रूप को उनकी पत्नियां कहा गया है यानि उन्होंने इन आठ पत्नियों से विवाह किया था, जोकि वास्तव में जीवन में अपनाए गए उनके आठ सिद्धांत थे. शेष 16 हजार रानियों से उन्होंने विवाह नहीं किया था लेकिन उन्हें श्रीकृष्ण की पत्नी होने का समान दर्जा दिया जाता है. इस संबंध में भागवतपुराण में एक कहानी मिलती है.
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ये है रहस्य
भागवतपुराण के अनुसार ये 16 हजार स्त्रियां वास्तव में राजकुमारियां थी. जिन्हें नारकासुर नाम के राक्षस ने विवाह के उद्देश्य से बंदी बना रखा था. श्रीकृष्ण ने नारकासुर से युद्ध करके इन राजकुमारियों को मुक्त करवाया था. लेकिन एक असुर के महल में इतने समय तक रहने के कारण समाज में कोई भी उन्हें अपनाने को तैयार नहीं था और न ही कोई राजकुमार उनसे विवाह करना चाहता था. सभी जीवों को सप्रेम अपनाने वाले श्रीकृष्ण ने इन 16 हजार रानियों को अपनाकर उनसे विवाह किया और उनके लिए एक बहुत विशाल महल का निर्माण करवाया. जिसमें वो सुख-शांति से रहती थी. पुराणों में ये भी उल्लेख किया गया है कि श्रीकृष्ण का सम्बध केवल अपनी आठ पटरानियों से था.
महाभारत के एक अन्य खंड आदिपर्व में इन रानियों को अप्सरा कहा गया है जो पिछले जन्म में भगवान विष्णु से विवाह करना चाहती थी. जिनकी तपस्या और त्याग देखकर ब्रह्मा ने इन्हें श्रीकृष्ण के साथ विवाह करने का वरदान दिया था… Next
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