वाल्मिकी ‘रामायण’ में ऐसी कई कहानियां मिलती है जिनके बारे में जानकर ऐसा लगता है कि संसार में किसी घटना के घटित होने का एक विशेष कारण होता है. शुरुआत में बेशक वो घटना हमें छोटी लगे लेकिन कुछ समय बाद हमें उसके पीछे छुपा मर्म समझ में आता है. जैसे रामायण की एक घटना के अनुसार एक बार कैकेयी ने राजा दशरथ के प्राणों की रक्षा की थी. उस समय राजा ने प्रसन्न होकर अपनी रानी कैकेयी को वरदान मांगने को कहा था लेकिन रानी ने उस समय टालते हुए भविष्य में श्रीराम के 14 वर्ष का वनवास मांगा.
राम ने नहीं उनके इस अनुज ने मारा था रावण को!
उस समय राजा दशरथ को भी ये बात छोटी ही लगी होगी लेकिन देखा जाए तो पूरे ‘रामायण’ की पृष्ठिभूमि इस घटना पर आधारित मानी जा सकती है. इसी तरह रावण के पुत्र मेघनाथ के वध से भी एक कहानी जुड़ी हुई है. मेघनाथ का वध लक्ष्मण ने किया था. लेकिन क्या आप जानते है कि पूरी सृष्टि पर केवल लक्ष्मण ही थे जिनके द्वारा मेघनाथ का वध संभव था. वास्तव में मेघनाथ के पास नागपाश हथियार था. जिससे वो अदृश्य होकर राम-लक्ष्मण सहित अन्य वानर सेना पर बादलों के पीछे छुपकर वार कर रहा था. मेघनाथ निडर होकर वार कर रहा था क्योंकि वो जानता था कि उसकी मृत्यु केवल उसी व्यक्ति के हाथों लिखी है जो 14 वर्ष से सोया नहीं हो.
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वो यह बात भलीभांति जानता था कि संसार में किसी भी साधारण प्राणी के लिए ऐसा कर पाना सभंव नहीं है. वास्तव में मेघनाथ को शिवशंकर से ऐसा वरदान मिला था. वहीं दूसरी ओर श्रीराम के अनुज लक्ष्मण अपने बड़े भाई के प्रति इतने कर्तव्यपरायण थे कि वो वनवास के दौरान एक दिन भी नहीं सोए. उस समय लक्ष्मण ने इस बात को सामान्य-सी बात सोचा होगा. वो नहीं जानते थे कि भविष्य के गर्भ में क्या छुपा हुआ है. आगे जाकर लक्ष्मण की इसी विशेषता के कारण रावण पुत्र मेघनाथ का वध संभव हो सका…Next
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