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महाभारत में अर्जुन ही नहीं, इन योद्धाओं ने भी सुना था श्रीकृष्ण के मुख से भागवत गीता का ज्ञान

भारत में ग्रंथों की पूजा सदियों से होती चली आ रही है, इनमें से एक है भागवत गीता। इस ग्रंथ में न केवल सही राह पर चलने का मार्ग प्रदर्शित किया गया है बल्कि उस युग से जुड़ी ऐसी बातों का वर्णन भी किया गया है जिससे कलयुग का मानव वंचित है लेकिन इस महान ग्रंथ के नाम और इसमें बसी कथाओं के अलावा इस ग्रंथ से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिनकी सार्थकता आज भी बनी हुई है,  कहा जाता है भगवान श्री कृष्ण ने एक बार दुर्योधन को भी स्वयं गीता ज्ञान के उपदेश देने की बात कही थी।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal5 Aug, 2019

 

 

कहते हैं श्री कृष्ण एक बार दुर्योधन को स्वयं भागवत गीता का पाठ पढ़ाने की कोशिश की थी लेकिन अहंकारी दुर्योधन ने यह कहकर श्री कृष्ण को रोक दिया कि वे सब जानते हैं, यदि उस समय दुर्योधन श्री कृष्ण के मुख से भागवत गीता के कुछ बोल सुन लेते, तो आज महाभारत के युद्ध का इतिहास ही कुछ और होता।

 

 

 

यह बात शायद ही कोई जानता है कि जब श्री कृष्ण ने पहली बार अर्जुन को भागवत गीता सुनाई थी, तब वहां अर्जुन अकेले नहीं थे बल्कि उनके साथ हनुमान जी, संजय एवं बर्बरीक भी मौजूद थे। हनुमान उस समय अर्जुन के रथ के ऊपर सवार थे। दूसरी ओर संजय को श्री वेद व्यास द्वारा वैद दृष्टि का वरदान प्राप्त था जिस कारण वे कुरुक्षेत्र में चल रही हर हलचल को महल में बैठकर भी देख सकते थे और सुन सकते थे, जबकि बर्बरीक, जो घटोत्कच के पुत्र हैं, वे उस समय श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच चल रही उस बात को दूर पहाड़ी की चोटी से सुन रहे थे।

 

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कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुई वह बातचीत ऐतिहासिक है, क्योंकि आज मनुष्य में महाभारत के उस युग को अनुभव करने की क्षमता व दैविक शक्तियां प्राप्त नहीं है, जो ऋषि-मुनि अपने तप से वह शक्तियां प्राप्त कर लेते हैं। वे बंद आंखों से अपने सामने महाभारत युग में हुए एक-एक अध्याय को देख सकते हैं।

 

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इस महान वैज्ञानिक ने की थी गीता की तारीफ

भागवत गीता की रचनाओं को ना केवल भारत के विभिन्न धर्मों की मान्यता हासिल है बल्कि एक समय में दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक रहे अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी इस महान ग्रंथ की सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि   भागवत गीता को उन्होंने अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव में पढ़ा, यदि  इसे अपनी जिंदगी की शुरुआती पड़ाव में पढ़ा होता, तो ब्रह्मांड और इससे जुड़े तथ्यों को जानना उनके लिए काफी आसान हो जाता। यह देवों द्वारा रचा गया ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ब्रह्मांड से भूतल तक की सारी जानकारी समाई है…Next

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