व्यक्ति अपने जीवन में सुखी और समृद्ध रहने के लिए हर उपाय करता है. जैसे घर बनाते समय वो हर उस बात का ध्यान रखता है जो वास्तुशास्त्र के अनुसार सही होती है. इसी तरह घर की नींव डालते समय पूजा-पाठ करके धरा का आभार व्यक्त किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर को मजबूत बनाने और भूत-प्रेत की हर प्रकार की बाधाओं से बचाव के लिए किस चीज का प्रयोग किया जाता है. वास्तव में अधिकतर लोग घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन और कलश गाड़ते हैं. इसके पीछे एक कारण है.
चांदी के नाग-नागिन या शेषनाग का रहस्य
ऐसा माना जाता है कि जमीन के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं. पौराणिक ग्रंथों में शेषनाग के फन पर पृथ्वी टिकी होने का उल्लेख मिलता है. नींव पूजन का पूरा कर्मकांड इस मनोवैज्ञानिक विश्वास पर आधारित है कि जैसे शेषनाग अपने फन पर पूरी पृथ्वी को धारण किए हुए हैं,
ठीक उसी तरह मेरे इस घर की नींव भी प्रतिष्ठित किए हुए चांदी के नाग के फन पर पूरी मजबूती के साथ स्थापित रहे. शेषनाग क्षीरसागर में रहते हैं. इसलिए पूजन के कलश में दूध, दही, घी डालकर मंत्रों से आह्वान पर शेषनाग को बुलाया जाता है, ताकि वे घर की रक्षा करें.
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कलश रखने का रहस्य
विष्णुरूपी कलश में लक्ष्मी स्वरूप सिक्का डालकर फूल और दूध पूजा में चढ़ाया जाता है, जो नागों को सबसे ज्यादा प्रिय है. भगवान शिवजी के आभूषण तो नाग हैं. वहीं वो लक्ष्मण और बलराम भी शेषावतार माने जाते हैं. इसी विश्वास से यह मान्यता शुरू हुई है.
पुराणों में कई तरह की पौराणिक कथा मिलती है. जिसमें शेषनाग अवतार और पृथ्वी को धारण करने की प्रासंगिकता का उल्लेख मिलता है…Next
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