गणेश उत्सव की धूम और पितृ-पक्ष की समाप्ति के बाद माँ आदिशक्ति के पावन नौ दिन जिनका उनके भक्तों को बेसब्री से इंतज़ार रहता है. नवरात्रे आते ही जनसमुदाय में भक्ति, भाव, आस्था का संचार होने लगता है. नवरात्रे किसी भी उत्तम कार्य के आरंभ के लिए सवर्श्रेष्ठ हैं, जिसके चलते लोग बिन सोचे विचारे अपने महत्वपूर्ण कार्यों का सम्पादन नवरात्रों में करना शुभ मानते हैं.
इस साल 10 दिन रहेंगी विराजेगी मां
सामान्य रूप से नवरात्रे नौ दिन के होते हैं, लेकिन इस वर्ष 2016 में भक्तों पर माता की असीम कृपा एक और ज्यादा दिन के लिए बरसेगी मतलब इस साल माँ के पावन दिन 9 से बढ़कर 10 हो गए हैं.
427 साल आया है ऐसा संयोग
अक्टूबर 2016 के नवरात्रों में तृतीय तिथि का नवरात्र दो दिन मनाया जायेगा और आपको दो दिन तक माता चन्द्रघण्टा की आराधना का सौभाग्य प्राप्त होगा. यह दुर्लभ संयोग 427 साल के बाद बना है जब पितृपक्ष का एक दिन कम हुआ है और भक्तिपूर्ण एक दिन की बढ़ोत्तरी.
दोबारा ये संयोग साढ़े चार सौ साल बाद आएगा
इस वर्ष से पहले यह संयोग 1589 में बना था और अब यह संयोग दोबारा साढ़े चार सौ साल बाद बनेगा. विद्धानों ने बताया है कि यह एक शुभ संकेत है जिसमें माता रानी के हर एक भक्त की मनोकामना पूर्ण होगी. मेहनत करने से लोगों को सफलता की प्राप्ति अवश्य होगी और निश्चित रूप से समस्त भारत वर्ष की जनता और विश्व भर में मौजूद प्रत्येक प्राणी पर माँ की कृपा बरसेगी.
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देश मे होगी मां की जय जय कार
इन दिनों भारत के गुजरात राज्य में गरबे की धूम होगी तो कोलकाता में दुर्गा पूजा का उत्सव, चहुँओर माँ के जयकारों के गूँज और मंदिरों की मन मोहक साज-सज्जा भक्तों की लंबी कतारों का नजारा विश्व भर के मंदिरों में देखने को मिलेगा वास्तव में, नवरात्रे सच्ची श्रद्धा और आस्था के दिन है, जिसमें सच्चे दिल से माँगी गयी हर एक मुराद पूरी होगी.
प्रत्येक भक्त मां जगत-जननी के आशीर्वाद और प्यार का पात्र बनेगा. तो भक्तों इस नवरात्रे दिल में माँ के नाम की सच्ची लौ प्रज्वल्लित कर इस अद्भुत संयोग का पूर्ण लाभ उठाने के लिए तैयार हो जाइये…Next
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