श्रीकृष्ण के जन्म की कथा तो हम सभी जानते हैं. अपने मामा कंस के पापों का अंत करने और धर्म की स्थापना करने के लिए श्रीकृष्ण ने मनुष्य के रूप में धरती पर जन्म लिया था. पौराणिक कहानी के अनुसार श्रीकृष्ण के जन्म के पीछे एक सीख छुपी हुई है. धर्म और न्याय की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण को जन्म लेते ही अपने माता-पिता को छोड़कर जाना पड़ा.
आंधी, तूफान के बीच वासुदेव अपने अबोध पुत्र कृष्ण को एक टोकरी में रखकर अपने मित्र नंदलाल के घर पहुंच गए. नंदलाल और यशोदा माता ने श्रीकृष्ण का पालन-पोषण किया. श्रीकृष्ण जन्म की कहानी को पढ़कर अधिकतर लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि आखिर श्रीकृष्ण ने देवकी के गर्भ में जन्म क्यों नहीं लिया, वो चाहते तो यशोदा माता के गर्भ से भी जन्म ले सकते थे.
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इस कारण श्रीकृष्ण ने लिया था देवकी के गर्भ से जन्म
इसके पीछे एक पौराणिक कहानी मिलती है. इस कहानी के अनुसार पिछले जन्म में देवकी भगवान विष्णु की भक्त थी. वो भगवान विष्णु जैसा पुत्र ही प्राप्त करना चाहती थी, लेकिन भगवान विष्णु अवतार थे, इस कारण पिछले जन्म में देवकी का ये वरदान पूरा करना बहुत मुश्किल था.
तब भगवान विष्णु ने देवकी को वचन दिया कि द्वापर युग में वो कृष्ण के रूप में अवतरित होंगे, फिर वो मनुष्य के रूप में जन्म लेने पर देवकी के गर्भ से ही जन्म देंगे. इस प्रकार देवकी का पूर्वजन्म का वरदान फलित करने के लिए श्रीकृष्ण ने देवकी के गर्भ से जन्म लिया था…Next
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