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वास्तुशास्त्र : इन 4 प्रकार की भगवान की मूर्तियों के न करें दर्शन, हो सकती है समस्या

आधुनिक समय में बेशक हर कोई मंदिर जाने का समय नहीं निकाल पाता, लेकिन अधिकतर लोगों के घरों में छोटा-सा मंदिर या भगवान की तस्वीर जरूर रहती है. ऐसे में कई लोग तो ऐसे होते हैं, जो सबसे पहले उठते ही भगवान की तस्वीर के दर्शन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में भगवान की हर तरह की मूर्तियां या तस्वीर रखना वास्तुशास्त्र की दृष्टि से सही नहीं माना जा सकता है. आइए, हम आपको बताते हैं उन मूर्तियों के बारे में जिनके दर्शन करने से आप परेशानियों में घिर सकते हैं.


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भगवान की पीठ दिखती मूर्ति न रखें

कई बार ऐसा होता है कि मूर्तियों की साफ-सफाई करते समय भगवान की मूर्ति की दिशा घूम जाती है. ऐसे में भगवान का मुख सही दिशा में न होने के कारण पीठ भी गलत दिशा में आ जाती है. जिसे देखना शुभ नहीं माना जाता है.


पूजास्थल पर दो मूर्तियों को न रखें आमने-सामने

कभी भी भगवान की मूर्तियों को आमने-सामने नहीं रखना चाहिए. मूर्तियों के इस तरह से दर्शन करने पर रोजाना लड़ाई हो सकती है, इसलिए दो मूर्तियों के बीच पयार्प्त दूरी होनी चाहिए.


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खंडित मूर्तियों को न रखें घर में

कभी-कभी ऐसा होता है कि पूजा करते समय भगवान की मूर्ति गिर जाती है जिससे वो पूरी न टूटकर थोड़ी-सी टूट जाती है, जिसे खंडित होना कहते हैं. इसलिए ऐसी मूर्तियों को जमीन में दबा दें या फिर नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. ऐसी मूर्तियों के दर्शन करने से अशुभ फल मिलता है.


रोद्र अवतार या दुखी मुख वाली मूर्तियों को न रखें

भगवान की मूर्तियां बनाते समय कभी-कभी चित्रकार उनके मुख-मंडल को, वो सौम्यता नहीं दे पाता है. ऐसे में घर में भगवान की ऐसी कोई भी मूर्ति न रखें, जो रूष्ट या क्रोध में लगती हो. इससे घर में नकारात्मकता आती है. इसलिए हमेशा सौम्यता और हंसमुख तरह की भगवान की मूर्तियों को ही घर में रखना चाहिए…Next


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