मनुष्यों में चंद्रमा को लेकर हमेशा से ही कौतूहल रहा है। चंद्रमा को कई धर्मों में विशेष स्थान हासिल है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार चंद्रमा स्वर्गलोक के देवता हैं और चंद्रग्रह के स्वामी हैं। मान्यताओं के अनुसार आज यानी 7 मई को सुपरमून की स्थिति बन रही
विष्णु और लक्ष्मी की पूजा का विधान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रतिवर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। हिंदू धर्म में इस तिथि को वैशाख पूर्णिमा रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूजा और व्रत पालन करने से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है और सफलता का मार्ग खुलता है।
सरोवर स्नान से धुल जाएंगे पाप
हिंदू कैलेंडर के अनुसाार वैशाख पूर्णिमा साल की अतिमहत्वपूर्ण और दूसरी पूर्णिमा तिथि है। यह तिथि नरसिंह जयंती के बाद होती है और इस दिन नरसिंह भगवान का व्रत रखने वाले पारण भी करते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन नदी, सरोवर में स्नान करने को पुण्य माना गया है।
भगवान बुद्ध की जयंती भी आज
वैशाख पूर्णिमा को पूजा का मुहूर्त 7 मई को पूरे दिन रहेगा और शाम 04:14 बजे खत्म होगा। इस दौरान अपने आराध्य की पूजा कर पापों से मुक्ति पाई जा सकती है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के तौर भी मनाया जाता है।
पृथ्वी के सबसे पास होगा चंद्रमा
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार साल की अंतिम पूर्णिमा वैशाख पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। इसलिए यह विशेष महत्व रखती है। वैशाख पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट आ जाता है। पास आ जाने से इस दौरान चंद्रमा का आकार बड़ा दिखता है और चांदनी भी ज्यादा फैलती है। इस स्थिति को ही सुपरमून कहा जाता है।
कैसे देखें सुपरमून
चंद्रमा आज शाम 04:14 बजे पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा। इस दौरान पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी 359700 किलोमीटर रह जाएगी। इस स्थिति पर बनने वाले सुपरमून को भारतीय अपनी आंखों से नहीं देख पाएंगे। क्योंकि जब सुपरमून होगा तब भारत में शाम होगी और उजाला रहेगा। हालांकि, सुपरमून को आनलाइन देखा जा सकता है।…Next
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