हिंदू शास्त्रों में विजया एकादशी को विशेष महत्व दिया जाता है। दुष्ट रावण को हराने के लिए भगवान राम ने सभी तरह की बाधाओं को दूर करने के लिए आज के दिन ही व्रत और पूजा की थी। शास्त्रों में यह दिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि थी। यह तिथि युवाओं और कारोबारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
विष्णु के लिए समर्पित है तिथि
जीवन सबसे बड़े संकट को हटाने के लिए फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सर्वोत्तम बताया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह तिथि भगवान विष्णु के लिए समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत और पूजा करने वाले भक्त के जीवन की सभी कठिनाइयां छूमंतर हो जाती हैं। इस तिथि के महत्व को जानने के लिए देवर्षि नारद ने ब्रह्मदेव एक कथा सुनी थी।
ब्रह्मदेव ने बताया विजया एकादशी का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मदेव ने नारद को विजया एकादशी के महत्व की कथा सुनाई थी। पौराणिक कथा के अनुसार देवी सीता को रावण से मुक्त कराने के लिए वानर, रीछ की सेना लेकर निकले राम और लक्ष्मण जब समुद्र के किनारे पहुंचे तो वह ठिठक गए। कई योजन तक फैले समुद्र को पार कर रावण को हराने में बाधा आ गई। हनुमान ने राम को बताया कि समुद्र को सेना के साथ पार करना मुश्किल है।
मुनि वकदालभ्य का आश्रम और उनका उपाय
कई दिनों तक विचार मंथन में डूब रहने के बावजूद कोई हल नहीं मिलने पर लक्ष्मण ने राम से नजदीक द्वीप पर वकदालभ्य रिषी का आश्रम है। वकदालभ्य बड़े विद्वान और सभी वेद, पुराण और शास्त्रों के ज्ञाता हैं। उनसे शायद को हल मिल सके। लक्ष्मण की बात सुनकर राम और हनुमान समेत कुछ प्रमुख लोग वकदालभ्य रिषी के आश्रम पहुंचे और उनसे अपने आने का प्रयोजन बताते हुए कहा कि लंका पर चढ़ाई करने के लिए उन्हें समुद्र पार करना है।
राम और लक्ष्मण ने रखा व्रत और पूजा की
वकदालभ्य रिषी ने राम को बताया कि फाल्गुन माह की विजया एकादशी को भगवान विष्णु का व्रत और उनकी पूजा और यज्ञ करने से यह संकट दूर हो जाएगा और समुद्र पार करने का रास्ता मिल जाएगा। वकदालभ्य ने बताया कि इस यज्ञ में आपकी सेना अगर शामिल होगी तो रावण पर आपकी विजय निश्चित है। इस राम ने लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव के साथ मिलकर यज्ञ का आयोजन किया और व्रत रखा। बाद में हुए युद्ध में राम ने रावण का वध किया।
युवाओं और छात्रों के लिए महत्वपूर्ण
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी तिथि को इसीलिए महत्वपूर्ण माना गया है। क्योंकि खुद भगवान राम ने भी इस दिन श्रीहरि की पूजा की थी और व्रत रखा था। इस तिथि को साधना करने से सफलता में बाधक बनीं सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और खुशहाली का मार्ग खुल जाता है। व्रत पालन से भविष्य में आने वाली विपत्तियां दूर हो जाती हैं। नौकरी खोज रहे युवाओं, छात्रों और व्यापार शुरु करने वाले कारोबारियों को कामयाबी के लिए इस दिन व्रत और पूजा जरूर करनी चाहिए।…Next
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