नए वर्ष के आगमन में अब कुछ ही घंटे शेष हैं। ऐसे में हर कोई चाहता है कि नए साल का पहला दिन उसके लिए शुभ हो। नए साल में आने वाली मुश्किलों को हल करने के लिए आज विशेष विनायक चतुर्थी योग बन रहा है। इस योग में गणेश भगवान की पूजा से आने वाले कष्टों से मुक्ति हासिल होती है। ऐसा कहा जाता है कि साल के अंत में आने वाले इस विनायक चतुर्थी योग का मकसद ही मनुष्यों के विघ्न को हरना है।
साल का अंतिम चतुर्थी योग
गणेश पुराण के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश के लिए अर्पित है। इसलिए इस तिथि को विनायक चतुर्थी के तौर पर भी जाना जाता है। आमतौर पर हर महीने में दो चतुर्थी आती हैं। इस बार की यह विनायक चतुर्थी बेहद खास है। क्योंकि यह साल की अंतिम चतुर्थी होने के चलते कष्टों से मुक्ति का विशेष योग है।
नए साल से कुछ घंटे पहले योग
विनायक चतुर्थी की पूजा का योग इस साल के अंत से कुछ घंटे पहले ही पड़ रहा है। ज्योतिषियों और अन्य जानकारों के मुताबिक यह चतुर्थी प्रत्येक मनुष्य के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है। इस योग पर भगवान गणेश की पूजा आराधना से आने वाले वर्ष के संकटों से छुटकारा हासिल किया जा सकता है।
सभी संकटों से मुक्ति का दिन
पुराणों और शास्त्रों में भगवान गणेश को कष्ट हरने वाला बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि नए साल की शुरूआत से पहले भगवान गणेश अपने भक्तों के कष्टों के निवारण के लिए विनायक चतुर्थी योग के जरिए मौका दे रहे हैं। मान्यताओं के तहत इस चतुर्थी पूजा करने से संकट दूर होंगे और सफलता हासिल होगी।
गणेश पूजा विधि व्रत पालन और कथा
विनायक चतुर्थी योग पर सुबह स्नान के बाद नए और साफ कपड़े पहनकर व्रत पालन के बाद भगवान गणेश की पूजा आरंभ करें। पूजा के लिए भगवान गणेश की मूर्ति सोने, चांदी, पीतल, तांबा या मिट्टी से बनी होनी चाहिए। पूजा के दौरान भगवान गणेश को सिंदूर अर्पित करें और 21 दुर्वा चढ़ाएं। लड्डुओं के भोग के साथ गणेश जी का मंत्र जाप शुरू करें। आरती के बाद प्रसाद का वितरण करें और ब्राह्मणों को दान और कन्याभोज का आयोजन करें। ऐसा करने से आने वाले कष्टों से छुटकारा हासिल होगा।…Next
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