Menu
blogid : 19157 postid : 1388302

रावण ने सीता से पहले कौशल्या का किया था हरण, इस भविष्यवाणी से डर गया था लंकापति

रामायण में सीता हरण के प्रसंग के बारे में तो सभी जानते हैं कि कैसे अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए रावण ने देवी सीता को छलपूर्वक हर लिया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंकापति रावण ने सीता के हरण से पहले प्रभु श्रीराम की मां कौशल्या का हरण किया था। वास्तव में वाल्मीकि रामायण के अनुसार कौशल्या का नाम सबसे पहले एक ऐसी रानी के तौर पर आता है जिसे पुत्र की इच्छा थी, जिसकी पूर्ति के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया गया था।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal14 Aug, 2019

sita and ravan

 

महाराज सकौशल और अमृतप्रभा की पुत्री कौशल्या, कोशल प्रदेश (छत्तीसगढ़) की राजकुमारी थीं, जिनके स्वयंवर के लिए विभिन्न प्रदेशों के राजकुमारों को निमंत्रण भेजा गया लेकिन इस बीच एक और घटना घटित हुई। दशरथ और सकौशल दोनों दुश्मन थे, लेकिन इस दुश्मनी को समाप्त करने के लिए राजा दशरथ ने सकौशल के साथ शांति की पहल की, लेकिन सकौशल ने इस पहल को ठुकराकर युद्ध के लिए दशरथ को आमंत्रित किया, जिसमें सकौशल की पराजय हुई। दशरथ से हार के बाद मजबूरन सकौशल को उनके साथ मित्रता करनी पड़ी और जैसे-जैसे इन दोनों की दोस्ती बढ़ने लगी सकौशल ने अपनी पुत्री कौशल्या का विवाह दशरथ के साथ कर दिया। विवाह के पश्चात दशरथ ने कौशल्या को महारानी की पदवी प्रदान की।

 

dasrath

 

आनंद रामायण के अनुसार रावण ने न केवल सीता का अपहरण किया था बल्कि वह एक बार राम की मां कौशल्या का भी अपहरण कर चुका था क्योंकि एक भविष्यवाणी के अनुसार कौशल्या के पुत्र दवारा रावण की मृत्यु लिखी हुई थी। साथ ही ब्रह्मा ने रावण को पहले ही बता दिया था कि दशरथ और कौशल्या का पुत्र उसकी मौत का कारण बनेगा। अपनी मौत को टालने के लिए दशरथ और कैकेयी के विवाह के दिन ही रावण, कौशल्या को एक डब्बे में बंंद कर एक सुनसान द्वीप पर छोड़ आया था। नारद ने रावण की इस चाल और उस स्थान के बारे में दशरथ को बताया जहां कौशल्या को रखा गया था।दशरथ, रावण से युद्ध करने के लिए अपनी सेना लेकर द्वीप पर पहुंच गए।

 

ram killed ravan

 

रावण की राक्षसी सेना के सामने दशरथ की सेना का विनाश हो गया, लेकिन दशरथ एक लकड़ी के तख्ते के सहारे समुद्र में तैरते रहे और उस बक्से तक पहुंच गए जिसमें कौशल्या को बंधक बनाकर रखा गया था। वहां जाकर दशरथ ने कौशल्या को बंधनमुक्त किया और सकुशल अपने महल में ले आए। इस तरह रावण ने श्रीराम के जन्म से पहले ही अपनी मौत को टालने का प्रयास किया था, जिसमें वो विफल रहा और भविष्य में श्रीराम ने रावण का अंत किया।..Next

 

 

Read more

वाल्मिकी रामायण के अनुसार ये 3 काम कर सकते हैं आपका जीवन बर्बाद

शिव भक्तों के लिए काँवड़ बनाता है ये मुसलमान

अपनी पुत्री पर ही मोहित हो गए थे ब्रह्मा, शिव ने दिया था भयानक श्राप

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh