‘ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर या वो जगह बता जहां खुदा नहीं.’ मिर्जा गालिब का ये शेर बहुत मशहूर है. जिसमें वो मंदिर-मस्जिद जैसी धार्मिक जगह पर शराब पीने की पाबंदी लगाने वाले लोगों से पूछते हैं कि मुझे मस्जिद में बैठकर शराब पीने दो या फिर मुझे ऐसी जगह बता दो जहां खुदा नहीं है. वहीं सच्चाई ये है कि देश में ऐसे कई धार्मिक स्थल और देवी-देवता है जिन्हें भोग के रूप में शराब चढ़ाई जाती है.
आस्था का पर्व सिंहस्थ मेले के दौरान भी कुछ ऐसा ही नजारा पेश आया, जहां पर बीते 22 दिनों में भक्तों ने बाबा कालभैरव को 66 लाख रुपए की शराब चढ़ाई है. कुंभ के दौरान कालभैरव मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर अपनी श्रद्धा दिखा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने कार्यक्रम को पवित्र बनाने के लिए उज्जैन में शराब व मांस के बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
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इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि कालभैरव को शराब चढ़ाने के बहाने कुछ लोग खुद के सेवन के लिए भी शराब खरीद रहे थे. दूसरी तरफ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कालभैरव को शराब चढ़ाने के पीछे एक कारण है. बताया जाता है कि बाबा कालभैरव राजाधिराज महाकाल के सेनापति हैं. अनादिकाल से बाबा को मदिरा का भोग लगाया जाता है.
बाद में रात को महाकाल की शयन आरती के बाद कालभैरव की आरती की जाती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि एक रिकॉर्ड के अनुसार सिंहस्थ मेले में करीब 43 लाख रुपए की विदेशी तथा 23 लाख 60 हजार रुपए की देशी शराब बेची जा चुकी है…Next
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