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इस देवता की पूजा से दूर हो सकती है प्रेम विवाह में आने वाली अड़चने

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी देवों की उपासना अलग-अलग तरह से की जाती है. हिन्दू धर्म में तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं को उपास्य देव माना गया है. सभी देवी-देवताओं को किसी न किसी शक्ति के रूप में उनकी पूजा की जाती है. मान्यता है कि मनुष्य का सुख-दुःख ग्रह चक्र के करण होता है. मनुष्य अपने जीवन में ग्रह शांति के लिए कई देवी-देवताओं की आराधना और मंत्र जाप करते हैं. आइए जानते हैं कैसे और कौन से देव की आराधना से आपके जीवन में प्रेम और मधुरता सदा बनी रहेंगी.



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शुक्र को प्रेम और मधुरता का ग्रह कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि शुक्र देव की पूजा करने से प्रेमी जोड़ों की विवाह की संभावनाएं बहुत अधिक होती है. यानी कहा जा सकता है कि प्रेम संबंध का पूरा लेखा-जोखा शुक्र ग्रह पर निर्भर होता है. यदि आपके शुक्र मजबूत हैं तो रिश्ते बनेंगे.


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आपके जीवन में प्रेम और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि पति-पत्नी और प्रेमी जोड़े हमेशा खुश रहें. वैवाहिक जीवन का कारक ग्रह शुक्र को भी माना जाता है. शुक्र ग्रह की प्रसन्नता से वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंध सुखमय और आनंददायक बना रहता है. शिव पुराण में शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए ये तीन उपाय बताए गए हैं-

1. शुक्र को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की पूजा करें.

2. ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को शुक्र ग्रह की वस्तुएं दान में दें.

3. तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण उपाय है शुक्रवार के दिन अपनी पत्नी को साडियां या अन्य कोई वस्त्र उपहार में दें.


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तीसरे उपाय से पत्नी को प्रसन्नता होगी साथ ही शुक्र देव की भी भरपूर कृपा प्राप्त होग. शिव पुराण के अनुसार शुक्र देव को भोग और ऐश्वर्य का दाता माना गया है अत: शुक्र देव की प्रसन्नता के बाद व्यक्ति सभी प्रकार की सुविधाएं और आनंददायक वस्तुएं प्राप्त कर पाता है.

चन्द्र मन का जातक होने के कारण जब शुक्र के साथ मिलन करता है तो प्रेम की भावनाएं जागृत होती है. कुंडली में पांचवां भाव हमारे दिल के भावों को प्रस्तुत करता है. विशेषकर प्रेम संबंधों को. राशियों के अनुरूप प्रेम संबंधों से जातक की पहचान सरल नहीं है क्योंकि शुक्र के अलावा अन्य ग्रह भी रिश्तों के बनने-बिगड़ने में बड़ी अहम भूमिका निभाते हैं.



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शुक्र ग्रह की शान्ति के लिये गौ पूजा करनी चाहिए तथा हीरा धारण करना चाहिए. चाँदी, सोना, चावल, घी, सफेद वस्त्र, सफेद चन्दन, हीरा, सफेद अश्व, दही, चीनी, गौ तथा भूमि ब्राह्मण को दान देना चाहिए.Next…



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