Revolution 2013
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छल और बल एक ऐसी चीज़ है जिस भी इंसान में आ जाये वो अपने आगे किसी और को कुछ नहीं समझता . छल इंसान को ख़राब सोच से परिपूर्ण कर देता और बल उससे और अपने ऊपर अंहकार पैदा कर देता है . तब इंसान पतन होता है और उसे पता भी नहीं चलता . हमे हर वक़्त शांत मन और बुद्धि और विवेक से काम करना चाहिए . और हमे अचे कर्म करने चाहिए . समाज की बुरियो को हम स्वयं ही खत्म कर सकते है अन्यथा दूसरा कोई भी नहीं कर सकता क्युकी हमारी मानसिकता में जो छल और बल का दुष्प्रभाव है वही इसकी अहम वजह है . आज हम अपने में कमी देखने के बजाये दूसरे जिंदगी में देखते रहते है वो क्या कर रहे है . आज इंसान दूसरे के कष्ट में ही खुस होता है जो छल और माया की दुनिया है .
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