Revolution 2013
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बेटी – कहने को तोह सिर्फ दो अक्षर का नाम लेकिन है अनेको पहचान। कभी माँ ,कभी बहन , कभी पत्नी कभी दादी इत्यादि। आज बेटीयो को गर्भ में ही मार दिया जाता है। हमे ये याद रखना चाहिए की आखिर हमे जनम एक माँ ने ही दिया है और वो भी तोह एक औरत ही है ना तोह फिर ऐसा भेद-भाव क्यों ???
आज जहा भी देखिये लडकिया लड़को की तुलना की जा रही है ; आज जिस भी फील्ड में देखिये लडकिया अवल आ रही है। हमे चाहिए की इस अवधारणा को समाज से निकाल दे और एक स्वक्ष वातावरण स्थापित करे।
और समाज में विभिन जागरूकता अभियान का सञ्चालन किया जाना चाहिए जिससे लोगो में जागरूकता आये।
कृपया जुड़े हमारे अभियान से और अपना योगदान दे ::
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Revolution 2013
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