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मदिरापान एक बीमारी कारण व उपचार (पार्ट – एक )

मेरी कहानियां
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(यह लेख पूर्व में जागरण जंक्शन पर प्रकाशित हो चूका है किन्तु आम लोगों की जागरूकता को बनाये रखने के लिए पुनः प्रकाशित कर रही हूँ)

मदिरापान आज के दिनों का एक बड़ी समस्या है .हमारे कथा साहित्य में बहुत पहले से यहाँ तक कि मनु महर्षि में भी उल्लेख किया गया है कि कौन-कौन इसका प्रयोग कर सकते है .मध्यकाल में इसे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या के रूप में जाना नहीं जाता था .परन्तु ब्रिटिश काल से इसका पीने का ढंग व प्रकार , पीने की मात्रा में बड़ोत्तोरी होने की वजह से आज समाज में मदिरापान एक भयंकर समस्या के रूप में दिखाई देने लगा है.
मदिरापान क्या है ?
बहुत ऐसे लोग है जो मदिरापान के बारे में नहीं जानते .जो शौकिया तौर पर शुरू करते है और धीरे -धीरे वह बेकाबू हो जाता है जब होश आता है तब बहुत देर हो चुकी होती है .दरअसल मदिरापान एक बीमारी है जो इन्सान के साथ जीवन भर चलती है .जिस प्रकार डायबिटीस किसी व्यक्ति को हो जाने से जीवन काल तक रहता है ठीक वैसे ही नशे करने वालों के साथ जीवन काल तक यह बीमारी रहती है .
मदिरापान करने वाले व्यक्ति को कैसे पहचानेंगे? इसका कारण नीचे दी गयी है :-
मदिरापान करने वाले सभी व्यक्ति शराबी नहीं होते . विश्व के १६% व्यक्ति मात्र शराबी होते है. व्यक्ति एक ही दिन में शराबी नहीं बनता ,लगातार पीने की आदत से वह शराबी बन जाता है .अमेरिकन मेडिकल एसोसिएसन ने नशे की लत को एक बीमारी के रूप में स्वीकार किया है . जो रोग से मुक्त तो नहीं होता परन्तु इसे बढने से रोका जा सकता है ठीक वैसे जैसे डायबिटीज़ बढने से रोका जाता है. इस बीमारी का महत्वपूर्ण लक्छान है पीने की आदत जो नियंत्रण से बाहर हो जाता है .व्यक्ति मुख्यरूप से मदिरा के ऊपर आश्रित हो जाता
है नीचे दिए गए चार लक्चनों के द्वारा यह रोग का पता लगा सकते है.
क ) मदिरापान करने की तीव्र इक्षा ,
ख )मदिरापान बंद कर देने से चक्कर आना , किसी भी कामो में मन न लग्न तथा चिंतित रहना
ग )एक बार पीना शुरू करने से अनियंत्रित सीमा तक पीना
घ )ज्यादा पीकर खुद को बहुत अच्छा महसूस करना . यह बीमारी ऐसी है जहा पीने वाले व्यक्ति अपनी आवशयकता के लिए पीता है जैसे जिन्दा रहने के लिए अन्न और पानी की जरुरत होता है .
मदिरापान हानिकारक कैसे ?
मदिरापान से तीन प्रकार का हानि होती है .जैसे :-
(१) शारीरिक हानि (२) मानसिक हानि (३) सामाजिक हानि
क )पानी की कमी :- मदिरा सेवन के कुछ ही घंटे के भीतर शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाता है
ख) केल्शियम की कमी :-लगातार पीने से हड्डियों में केल्शियम और फास्फेट का छय होता है
ग)विटामिन की कमी :- मदिरापान के कारण शरीर में आहार और पाचन क्रिया में कमी आने के कारण विटामिन ‘बी’ और आयरन की कमी होती है थायमिन की कमी के कारण भी मष्तिस्क का बहुत नुकसान होता है .
घ)पाचनतंत्र का नुकसान :- (१)लीवर (कलेजा):- लगातार मदिरा सेवन से कलेजे में बहुत नुकसान होता है. कभी-कभी सूझ जाता है तो कभी दर्द होने लगता है. अत्यधिक मदिरा पान करने से कलेजे में चर्बी जमा होती है. इस समय अगर पीना बंद न किया तो कलेजा सिकुड़ जाता है.परन्तु तुरंत पीना बंद कर देने से कलेजा पुन: स्वस्थ्य हो जाता है.कलेजा अस्वश्थ्य होने से खून की उलटी, पेट में पानी भर जाता है ,बल झड जाते है यहाँ तक कि व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है .
२)डायबिटीज़:- अत्यधिक मदिरा पान करने के कारण इंसुलिन बनानेवाले अंग (पेंक्रियाज़)
खराब हो जाता है जिसके कारण शरीर में प्रोटीन व् विटामिन की कमी के कारण डायबिटीज़ हो जाता हैं .
३) अन्य प्रभाव:- भूख न लगना, पेट फुल जाना ,संतान उत्पन्न करने में असमर्थ होना ,मुख स्वास नली तथा आहार नली में कैंसर आदि. …….. शेष भाग अगले अंक में

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