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दादा! बताइये मैं क्या करूं?

घंटाघर
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आप ही पीएम (प्रणब मुखर्जी) हैं
आप ही पीएम (प्रणब मुखर्जी) हैं

प्रणब दा! आपने तो आम बजट पेश करके मेरी जेब पर कैंची चला दी है। मैं वेतनभोगी हूं और आप भी मेरी सारी तन्ख्वाह को सौ फीसदी आमदनी मानते हैं। मैं प्राइवेट सेक्टर में नौकरी पेशा हूं, लेकिन आप समझते हैं कि सरकारी नौकर की तरह मेरा खर्च तो ऊपर की आमदनी से चल जाता है। आप एसी दफ्तर में बैठकर सोचते हैं और मैं फील्ड में पसीना बहाता हूं। महीने में एकाध बार अटैंडेंस मिसपंच हो जाए तो अनुपस्थिति का दंड भी झेलता हूं। आपने इनकम टैक्स में तो छूट दी, लेकिन सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी 2 पर्सेंट बढ़ाकर जोर का झटका भी दे दिया। सर्विस टैक्स का दायरा बढ़ाने के लिए निगेटिव लिस्ट की व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव भी कर डाला। इसमें शामिल 17 मदों को छोड़कर सारी सेवाओं पर सर्विस टैक्स लगेगा।

मुझे आपने इतनी राहत दी है कि इनकम छूट की मौजूदा सीमा 1.80 लाख रुपये को बढ़ाकर दो लाख कर दिया। आपने सर्विस टैक्स और एक्ससाइज ड्यूटी की दर में 2 पर्सेंट की बढ़ोतरी कर 41 , 400 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व जुटाने का इंतजाम कर लिया है। मगर मुझे तो बताइये, मैं क्या करूं? क्या मैं भी सरकारी नौकर की तरह काम करूं और उसी की तरह ऊपर की कमाई के रास्ते पर चल पड़ूं। दादा, आपके नेता लोगों के तो स्विस बैंक में खाते हैं, थोड़ा वहां से मंगा लिए होते तो मुझ जैसे आम आदमी को बहुत राहत दे सकते थे। आपको यह चिंता भी नहीं रहती कि बजट के लिए पैसा कहां से आएगा। आपने कॉरपोरेट टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी की उच्चतम दर में कोई बदलाव नहीं किया। मुझे इस फैसले पर कुछ संदेह है।

आपने बजट भाषण शुरू करते हुए कहा कि आपको इकॉनमी में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। यह कड़े फैसले लेने का वक्त है। आपने कड़ा फैसला तो लिया, लेकिन आम आदमी पर बोझ लादकर। आप इस बार ‘ अटैची ‘ में क्या-क्या लाए थे? मुझे और मेरे जैसे हर आम आदमी को यह जानने की इच्छा है।

एक कैंची थी आपकी अटैची में
जो आम आदमी की जेब पर चल रही है। आपने सर्विस टैक्स में 2 पर्सेंट की बढ़ोतरी कर दी। इससे बैंक ड्राफ्ट बनाना , फोन बिल , साइकल , टीवी , घड़ी , बड़ी कारें , कूरियर , होटेल में खाना, हवाई सफर , पार्लर सर्विस महंगे हो जाएंगे। आपने 40 , 000 डॉलर (करीब 20 लाख रुपये) से अधिक कीमत वाली पूरी तरह से तैयार स्पोर्ट्स यूटिलिटी वीइकल (एसयूवी) और मल्टी यूटिलिटी वीइकल (एमयूवी) के इंपोर्ट पर भी ड्यूटी में भी बढ़ोतरी की। इससे मुझे थोड़ा संतोष है, क्योंकि अगले दस-बीस साल तक इन गाड़ियों को खरीदने की मुझमें हिम्मत नहीं है।

आपने जिन सर्विसेज को सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर रखा है , उनमें सरकार और लोकल बॉडी द्वारा दी जाने वाली सेवाएं शामिल है। आपने सरकारी विभागों का जितना ध्यान रखा, उतना मुझ जैसे लोगों का नहीं। हालांकि , इनमें ऐसी सेवाएं शामिल नहीं होंगी , जहां उनकी प्रतिस्पर्धा प्राइवेट सेक्टर के साथ है। सर्विस टैक्स की निगेटिव लिस्ट में प्री – स्कूल और स्कूल एजुकेशन , मान्यता प्राप्त कोर्सेड और मान्यता प्राप्त वोकेशनल कोर्सेज , घर किराये पर देना , एंटरटेनमेंट सर्विसेज और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बड़ा हिस्सा जिसमें जलमार्ग , शहरी रेलवे और मीटर से चलने वाली टैक्सी सेवाएं शामिल हैं। इसका असर भी मुझ जैसे आम आदमी पर ही पड़ना है।

आपकी निगेटिव लिस्ट से इतर भी कुछ ऐसी सेवाएं हैं , जिन्हें सर्विस टैक्स से छूट दी गई है। इसमें स्वास्थ्य देखभाल , धर्मार्थ न्यास द्वारा दी जाने वाली सेवाएं , धार्मिक व्यक्तियों , खेल हस्ती , लोक कलाकार , व्यक्तिगत स्तर पर वकीलों द्वारा गैर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को दी जाने वाली सेवा , स्वतंत्र पत्रकार , पशु देखभाल और कार पार्किंग सर्विसेज को सर्विस टैक्स से बाहर रखा गया है। मैं स्वतंत्र पत्रकार नहीं हूं, होता तो शायद आपकी इस करम फरमाई का शुक्रिया अदा जरूर करता।

थोड़ी ही मिलेगी राहत
आपने आयकर छूट की सीमा दो लाख कर दी है और 10 हजार तक के बचत ब्याज को भी टैक्स फ्री (पांच लाख तक की आय वालों को) कर दिया है। टैक्स स्लैब भी बदल दिया है। अगर मैं गलत नहीं हूं, तो यह अब यह कुछ इस तरह से होगा…
दो लाख तक की आय– कोई टैक्स नहीं
2 से पांच लाख पर-10 पर्सेंट
5 से 10 लाख पर-20 पर्सेंट
10 लाख से ऊपर-30 पर्सेंट
इस तरह 1.80 से 8 लाख तक कमाने वाले पुरुषों को सालाना अधिकतम 2 हजारसाठ रुपये का फायदा होगा। और 10 लाख या उससे अधिक कमाने वालों को अधिकतम 22 हजार 660 रुपये का फायदा होगा।

ब्लैक मनी पर श्वेत पत्र

आपने बजट में ब्लैक धन का मुद्दा भी रखा। आपने कहा कि ब्लैक मनी के मुद्दे पर सरकार दूसरे देशों से मदद लेगी सरकार। इसके साथ इसी सत्र में ब्लैक मनी पर श्वेत पत्र लगाया जाएगा। पता नहीं आप कब तक इस तरह के बहाने करते रहेंगे और अन्ना व बाबा जी को मौका देते रहेंगे।

आपकी पीपली लाइव (बीपीएल)

आपने व्यवस्था की है,इंदिरा गांधी पेंशन योजना के तहत विधवा और विकलांग मासिक पेंशन 200 से बढ़ाकर 300 रुपये कर दी गई है। महिला सेल्फ हेल्थ ग्रुप को 7 पर्सेंट पर कर्ज मिलेगा। बीपीएल परिवार के मुखिया की मौत पर 20 हजार रुपये दिए जाएंगे। भले ही मैं बीपीएल की श्रेणी में नहीं आता, लेकिन मैं इसके लिए आपका शुक्रिया तो अदा कर ही सकता हूं। चलो, आपने किसी का तो भला किया, लेकिन भगवान ना करे किसी बीपीएल परिवार का मुखिया आपके 20 हजार रुपये के लिए मरे। मुझे संदेह है कि कहीं आपने आमिर खान की ‘पीपली लाइव’ से प्रेरित होकर तो यह फैसला नहीं लिया? कहीं आप देश में एक और एनआरएचएम ‘घोटाले’ की बुनियाद तो नहीं रखने जा रहे हैं। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं, लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि अगर बीपीएल परिवारों में मौत के आंकड़े बढ़े तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। मगर, सरकार का क्या, वह तो कह देगी कि अब भूख से नहीं, पैसे के लिए मौतें हो रही हैं।

-रियाज़

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