Menu
blogid : 18111 postid : 1388729

मोदी के खिलाफ कांग्रेस के सभी षड्यंत्र हुए फेल

AGLI DUNIYA carajeevgupta.blogspot.in
AGLI DUNIYA carajeevgupta.blogspot.in
  • 88 Posts
  • 161 Comments

लगातार ६० सालों तक देश को बेशर्मी से लूटने का रिकार्ड बनाने वाली कांग्रेस पार्टी पिछले ४ सालों से बहुत ज्यादा परेशान है। हताशा में डूबी कांग्रेस पार्टी और इसके राहुल-सोनिया जैसे तथाकथित नेता सत्ता में वापसी के लिए उसी तरह छटपटा रहे हैं जिस तरह से मछली पानी के बिना छटपटाती है। इसके लिए कांग्रेस ने पिछले ४ सालों में एक के बाद एक षड्यंत्र करने का सिलसिला जारी रखा हुआ है। गनीमत हो सोशल मीडिया का, जिसके चलते कांग्रेस पार्टी के सभी षड्यंत्र फटाफट बेनकाब भी होते जा रहे हैं और कांग्रेस पार्टी और इसके नेता देश की जनता की नज़रों में लगातार गिरते भी जा रहे हैं। अखबार और पत्रिकाएं आजकल ऑनलाइन पोल आयोजित करके देश की जनता से यह राय लेते रहते हैं कि २०१९ में कांग्रेस पार्टी की वापसी की कितनी संभावनाएं हैं। लगभग सभी देशभक्त देशवासी इस बात पर एकमत हैं कि कांग्रेस या उसकी किसी भी सहयोगी पार्टी को वे अगले ७० सालों तक वोट नहीं देंगे, यह स्वाभाविक भी है। जो पार्टी “पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत तेरे टुकड़े होंगे” का समर्थन करते हुए देश को जात-पात और धर्म के आधार पर बांटने का षड्यंत्र रचती हो, जो देशभक्त हिन्दुओं को पकड़कर उनके ऊपर जबरन “हिन्दू आतंकवादी” का ठप्पा लगा देती हो और जो पार्टी कभी रोहित वेमुला नाम के “नकली दलित” का षड्यंत्र रचती हो और कभी कठुआ में एक बालिका की आतंकवादियों द्वारा की गयी हत्या के लिए हिन्दू धर्म और उसके मंदिरों को बदनाम करने का षड्यंत्र रचती हो, उस पार्टी को कोई असली हिन्दू तो अपने इस जीवन में तो वोट देने की बात सोच भी नहीं सकता है।

 

 

लोकतंत्र और संविधान की हत्यारी कांग्रेस पार्टी की हताशा का आलम यह है कि चुनाव में हार जाने पर इसका विशवास चुनाव आयोग और वोटिंग मशीनों से उठ जाता है और अदालत से कोई फैसला इसके खिलाफ आ जाए तो इसका विश्वास न्यायपालिका से भी उठ जाता है। जस्टिस लोया  की मृत्यु को जबरन सियासी रंग देने की कोशिश करने के लिए जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने इस पार्टी के नेताओं को तगड़ी फटकार लगाई, यह पार्टी एकदम बौखला गयी और देश के सबसे अधिक सम्मानित और ईमानदार मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ निहायत घटिया और बेबुनियाद आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ महाअभियोग का प्रस्ताव लेकर राज्य सभा में पहुँच गयी। क्योंकि यह महाअभियोग का प्रस्ताव पूरी तरह से असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक था, उप राष्ट्रपति ने इसे रद्दी की टोकरी में फेंकने में जरा  भी देर नहीं लगाई। अब कांग्रेस का महा अभियोग का षड्यंत्र न सिर्फ फेल हो चुका है, बल्कि कांग्रेस पार्टी और उन सभी नेताओं के ऊपर “अदालत की अवमानना” की तलवार लटक रही है, जिन्होंने इस महा अभियोग के प्रस्ताव पर अपने दस्तखत किये थे।

 

उपराष्ट्रपति ने जिस तरह से इस महा अभियोग के प्रस्ताव को खारिज किया है, उसके चलते सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने अपने सियासी फायदे के लिए देश के सम्मानित मुख्य न्यायाधीश के ऊपर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा दिए ? सुप्रीम कोर्ट कब इस सारे मामले का संज्ञान लेते हुए इस महा अभियोग प्रस्ताव पर दस्तखत करने वालों के खिलाफ ” अदालत की अवमानना” का मामला चलाएगा, यह देखना काफी दिलचस्प रहेगा। देश की जनता काफी बेताबी से उस पल का इंतज़ार कर रही है जब इस महा अभियोग प्रस्ताव पर दस्तखत करने वालों को ” न्यायालय की अवमानना” करने के लिए जेल में चक्की पीसने के लिए मजबूर किया जाएगा।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh