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माँ अब तुझसे दूर रहने को जी नहीं करता

रोहित सिंह काव्य
रोहित सिंह काव्य
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जब मेरा कभी दिल दुःखता हैं,
जी मेरा माँ के सीने से लिपट के रोने का जी करता हैं,
पर मेरी मजबूरियों ने मुझे तुझसे दूर कर रखा है,
अक्सर मुझे तेरे साथ की जरुरत होती है,
पर क्या करू मेरे किस्मत ने तेरे प्यार से महरूम कर रखा है ||

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