रोहित सिंह काव्य
- 98 Posts
- 2 Comments
माना तेरे दिल में मेरे जज़बात की कदर ना होगी,
प्यार तो तेरे दिल में भी है पर हरबार तेरी इंकार होगी,
करले कितनी भी कोशिस हमे भूलने की,
लेकिन तू जिस भी महफ़िल में होगी आँखे तेरी हमेशा हमारे इन्तजार में होगी ||
Read Comments