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आज सुबह सुबह हमारे पड़ोस की आंटी जी अपने बेटे की नौकरी लगने की ख़ुशी मे हमारा मुहँ मीठा करवाने के लिए घर आई ..मेरी मम्मी जी ने पूछा की.. अच्छा कहा लगी जॉब? क्या किया तुम्हारे लडके ने जो इतनी जल्दी नौकरी भी मिल गयी …. हमारी आंटी जो पहले ही हवा में उड़ रही थी बड़े गर्व से कहने लगी की कंप्यूटर का इंजिनियर है अभी तो रिजल्ट भी नहीं आया और पहले ही कंपनी वालों ने रख लिया उसको… अब मेरी मम्मी ने दूसरा सवाल किया अच्छा तो फिर तन्खवा क्या देगे … अब तो आंटी जी और भी चहकती सी बोली अरी वहां तो package मिलता है हैप्पी कह रहा था की ४-५ लाख का होगा …… आंटी जी तो चली गयी मगर अब मेरी बारी थी.. अपनी माता जी के कटु वचन सुनने की … मैंने सोचा आज तो सुबह सुबह बहस होगी…… बादल तो पड़ोस मे गरज गए मगर बारिश मेरे ऊपर होने वाली थी…. और मम्मी जी हो गयी शुरू……. “देखा अभी तो रिजल्ट नहीं आया और इतने पैसे कमा रहा है … तू बता तुने क्या किया अभी तक ६००० की नौकरी भी नहीं है तेरे पास… लोगों के बच्चे कितना कमा रहे है … तुने तो सारी पढाई बेकार मे ही की …. तू भी पढ़ लेती कंप्यूटर तो आज अछे से नौकरी तो मिल जाती……. अभी कल ही कोई तेरे रिश्ते की बात कर रहा था पर वही न वोह भी कंप्यूटर पढ़ी लड़की ही मांगते है…..” मैंने कहा मम्मी क्यों इतना गुस्सा करती हो.. मुझे भी मिल जाएगी नौकरी .. अब कितने बैंकों में पेपर दे तो रखे है .. कही न कही तो पास हो ही जाउगी…. माँ बोली हाँ कब से पेपर दे रही है अभी तक तो पास हुई नहीं….. कुछ न होगा तेरा …. पढ़ लिख कर गवा दिया तुने तो… आर्ट्स पढ़कर मिल गया तुजे चैन…… अरे माँ मुझे क्या पता था की आर्ट्स वालों को अब कोई पूछेगा ही नहीं… पर देखो न मेरी क्या गलती है अब हमे प्लेसमेंट नहीं मिलता तो.. कोशिश तो पूरी करती हु न … मम्मी बोली , “मुझे नहीं पता……. क्यों पढ़ा तुने आर्ट कुछ ओर पढ़ लेती जो काम आता… मेरे तो बच्चे ही नालायक निकले… चलो माँ अब चुप भी करो… और सुबह सुबह मेरा और अपना मूड मत ख़राब करो…….
वास्तव मे ये मेरी नहीं हर घर की कहानी है जहाँ आर्ट्स पढ़ कर अभी तक नौकरी की तलाश की जा रही है … मेरे बहुत से दोस्त अभी तक अच्छी नौकरी तलाश नहीं कर पाए क्युकी उन्होंने आर्ट्स लिया था … science , maths या कंप्यूटर नहीं…. अब जिसकी जो रूचि होगी वही पढ़ेगा ना.. और क्या पता था की ये सब करने के बाद भी जॉब नहीं मिलेगी….हाँ स्कूल में पढ़ाने की नौकरी जरुर मिल जाती है … पर कोई ज्यदा पैसे देने को तैयार ही नहीं होता .. बेचारे कितने पड़े लिखे युवा ऐसे ही बेकार घूम रहे है ……….. आप ही कहो क्या आज के high -tech ज़माने में आर्ट्स वालों की कोई value ही नहीं है… सभी आईटी, engineers जैसे विषयों की पढ़ने वालों को ही प्लेसमेंट की सुविधा क्यों दी जा रही है … आर्ट्स वालों को कब दी जाएगी ये सुविधा??? जब कोई आर्ट्स पढ़ने वाला नहीं बचेगा तब………. आज हर कोई माँ-बाप अपने बच्चे को आर्ट्स सुब्जेक्ट नहीं लेने देते क्युकी वोह जानते है की इसमे कोई भविष्य नहीं है… अगर जॉब मिल भी गया तो ज्यदा से जायदा १०-१५हज़ार ही तो कमाएगा… और इतनी मंहगाई में क्या खायेगा और क्या बचत करेगा…. और अगर आईटी इंजिनियर या डॉक्टर बन जाये फिर तो अगली सात पीढ़िया बैठ कर खाएगी.. भविष्य की चिंता ही न रहेगी… मगर क्या ये हम आर्ट्स वालों के साथ अन- न्याय नहीं??? अब आप ये न सोचियेगा की मै साइंस, आईटी वाले स्टुडेंट्स के खिलाफ हु…. मै तो बस मेरे जैसे बहुत से युवा लोगों के भविष्य को लेकर चिंतित हूँ… अगर आर्ट्स पढ़े स्टुडेंट न होगे तो देश का विकास अधुरा रह जायेगा…. क्युकी जितना साइंस, आईटी जरुरी है आर्ट्स भी उतना ही जरुरी….अगर ये सब विकास का ढांचा है तो आर्ट्स नीव है … और अगर नीव कमजोर पड़ गयी तो ढांचा भी गिर जायेगा….. मगर आज जिस तरफ समाज की रूचि हो रही है लगता है वो दिन दूर नहीं जब आर्ट्स वालों को दीया लेकर दूंढा जायेगा, आर्ट्स पढने के लिए scholarship भी दी जाएगी…. और फिर टीवी पर भी आर्ट्स के institutes की ऐड आया करेगी… और आर्ट्स पढने के लिए प्रचार किया जायेगा…….. कब जागेगी हमारी सरकार और कब भला होगा हम आर्ट्स वालो का…….हमारे लिए तो कोई आवाज भी नहीं उठाता…… काश की सब आर्ट्स वाले एक हो जाये और अपने लिए रास्ता खोजे…. हम भी गर्व से कहे न की धीरे से की हमने आर्ट पढ़ा है ……… क्या आर्ट की पढ़ाई करना गलत है ?? अब आप ही बताइए क्या मैंने कुछ गलत कहा??????? आप के क्या विचार है इस बारे मे????… अगर आप भी इसी दुःख से परेशान है तो क्यों न इसका कोई समाधान मिल कर तलाश करे…………
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