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खंजर सा

lets free ur mind birds
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RD3

जब जब वह अपनी दोस्ती का इज़हार करता है ,

एक खंज़र सा सीने के आर पार करता है ………

तोहमत लगा लें सब सर आँखों पे लेगे हम,
इश्क कब कहा किसी से तकरार करता है………

दिखता है खुदा मुझको मेरे यार मैं,
और खुदा मे दीवाना महबूब का दीदार करता है………

कोई गिला है तो चलो सुलझा लें बैठ कर,
क्यों प्यार को रुसवा सरे बाज़ार करता है………

बड़ा आसान है मुस्कुरा के दिलों में जगह बना लेना,
जरा सा हँस क्यों रोकर जीना दुश्वार करता है………

रौशनी चल वक्त से अब आगे निकल चले,
कही दूर दूसरी दुनियां में कोई तेरा इंतज़ार करता है..
…….

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