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सजा

lets free ur mind birds
lets free ur mind birds
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saja ये दिल रोता है तेरी मोहब्बत को याद कर के
ये आंखे बरसती है कभी तेरी बेवफाई पे,
ये सोचता हूँ मै कि किस तरह भूलू तुझे
ये जानता हूँ की उम्र भर न भुला पाउगा तुझे,
न जाने क्यों मै एक फैसला नहीं कर पाता
न जाने क्यों मै खुद को ये सजा देता हूँ,
निकालता हूँ हर बार तुझ को दिल से
और फिर भी तेरी यादों में खोया रहता हूँ,
तू दगा देकर तनहा छोड़ गया है मुझे
फिर भी ये दिल दुआ देता है तुझे,
ऐ सनम तू साथ है मेरे मेरी हर तन्हाई में
कोई गम नहीं की तुमने वफ़ा नहीं की
इतना ही बहुत है की तू शामिल है मेरी तबाही में,

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