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पासपोर्ट के एड्रेस का सत्यापन

विचारों का संसार
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में घर बदलने का सिलसिला चलते रहता है ऐसी स्थिति में पासपोर्ट किसी दूसरे मकान के पते पर बना हो तो इस पास पोर्ट को थाने में जमा करना होगा या यह पास पोर्ट ब्लॉक हो जायेगा, इस स्थिति में ऐसे व्यक्तियों को नए सिरे से पास पोर्ट बनाना पड़ेगा। इससे पास पोर्ट ऑफिस का काम भी बढ़ेगा और जनता को परेशानी भी होगी। पासपोर्ट एक्ट में मेरी जानकारी के अनुसार पास पोर्ट का पता बदलने का नियम नहीं है. घर बदलने से पास पोर्ट भी नया बनाना होगा ? बैंक जैसी सस्थाओ में जहा आर्थिक हित्त जुड़े होने के बाद भी पता बदलने का प्रावधान है, वोटर आई.डी. में भी पता बदलने का प्रावधान है. इनकम टैक्स के पेन कार्ड में पते को जगह ही नहीं है.पासपोर्ट एक्ट में पता बदलने का प्रावधान किया जाना चाहिए क्यों नहीं है ? यदि कोई व्यक्ति नये घर में जाता है तब एक वर्ष इस घर में रहने के बाद ही वह पास पोर्ट के लिए आवेदन कर सकता है. किरायेदार के साथ किराया का अनुबंध भी ११ माह का होता है. ११ माह बाद उसे घर खाली करने की बाध्यता है. इस कारन किराया दार तो कभी पास पोर्ट तो बना ही नहीं सकता। इसीलिए १ वर्ष रहने के बाद ही पास पोर्ट के लिए आवेदन के नियम में भी संशोधन करना चाहिए। केंद्र सरकार पासपोर्ट के अधिनियम में निम्न दो संशोधन करे यह याचना है :-
१ घर बदलने के साथ नया पासपोर्ट बनाने बाध्यता को समाप्त कर पास पोर्ट में पता बदलने का प्रावधान हो।
२ किसी एक जगह में १ वर्ष रहने के बाद ही पासपोर्ट के लिए आवेदन की बाध्यता को समाप्त की जाय.
इस प्रकरण में राज्यों से भी हस्तक्षेप करने का अनुरोध है. जब तक ये प्रावधान नहीं हो जाते तब तक एड्रेस वेरीफिक्शन की कार्रवाई रोकनी चाहिए। ऐसा करने से जनता को अच्छे दिन आने के संकेत मिलेंगे ।

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