Menu
blogid : 13121 postid : 759505

मुझसे अच्छा कोई नहीं ————————-

विचारों का संसार
विचारों का संसार
  • 160 Posts
  • 31 Comments

मुझसे अच्छा कोई नहीं
————————-
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/roller-ui/redirectindex.jsp————————-
गाय के महत्व को बड़े बड़े ज्ञानियो से सुनकर गाय पालने की सनक सवार हुयी। गाय को दुहकर उसे सड़क पर छोड़ देता हूँ। मुझे इस बात की कोई फ़िक्र नहीं है कि मेरी गाय यातायात में अवरोध उत्पन करेगी। गाय को चोट लगने पर उससे झगड़ा कर लेता हूँ जिसने गाय को चोट मारी या सरकार को कोसने लग जाता हूँ कैसे अनाड़ी लोगो को वाहन चलाने का परवाना दे रखा है. कुत्ता भी पाल रखा है वह भी आवरा जैसा घूमते रहता है. किसी के घर में घुसे किसे काटे कोई परवाह नहीं। काटने की शिकायत पर मै उसे डाट लगाता हूँ कि कुत्ता तो काटेगा ही क्यों उसके सामने गए. नंगे से खुदा डरे के कारण मुझसे कोई लड़ने भी नहीं आता. सड़क पर थूँकने और गंदगी फैलाने की मेरी पुरानी आदत है इसके पीछे मेरी सोच है कि नगर पालिका गंदगी साफ़ करने के लिए बनी है, यदि नगर पालिका मेरी की गंदगी को साफ़ नहीं करती तब शिकायत करते रहता हूँ. हर चीज फुकट में दी जाए, यदि सरकार ने कोई वस्तु महँगी कर दी तो मेरे निशाने पर सरकार रहती है. मै अपना काम छोड़कर देश में मोदी क्यों अफसरों को ताकतवर बनाना चाहता है इसी पर चिंतन करते रहता हूँ, मुझसे आलोचना मोदी की होती है , कोई सुने या न सुने मैं सुनाकर ही दम लेता हूँ. पडोसी सुखी क्यों है इस पर मेरा मंथन सतत चलते रहता है. पड़ोस में रहने वाला ऐसा कोई पडोसी नहीं मिलेगा जिससे मैंने झगड़ा नहीं किया हो यही कारन है कोई मेरे आड़े आज तक नहीं आया है. बुराई को तुरंत ग्रहण कर लेता हूँ. इसीलिए मै बाते नहीं गाली बकते रहता हूँ. गालिया विंभिन्न प्रकार के अलंकार से युक्त होती है. मुझे अपनी गलतिया दुसरो के सर मढ़ने में महारत हासिल है. नियम विरूद्ध सारे काम जब तक नहीं कर लेता सोता नहीं हूँ. नियम से तो सब काम करते है बिना नियम के काम करने में पुरुषार्थ है इस तथ्य को मैं मानता हूँ. आप क्या सोचते है ?ज्ञानियो सेमुझसे अच्छा कोई नहीं
————————-
गाय के महत्व को बड़े बड़े ज्ञानियो से सुनकर गाय पालने की सनक सवार हुयी। गाय को दुहकर उसे सड़क पर छोड़ देता हूँ। मुझे इस बात की कोई फ़िक्र नहीं है कि मेरी गाय यातायात में अवरोध उत्पन करेगी। गाय को चोट लगने पर उससे झगड़ा कर लेता हूँ जिसने गाय को चोट मारी या सरकार को कोसने लग जाता हूँ कैसे अनाड़ी लोगो को वाहन चलाने का परवाना दे रखा है. कुत्ता भी पाल रखा है वह भी आवरा जैसा घूमते रहता है. किसी के घर में घुसे किसे काटे कोई परवाह नहीं। काटने की शिकायत पर मै उसे डाट लगाता हूँ कि कुत्ता तो काटेगा ही क्यों उसके सामने गए. नंगे से खुदा डरे के कारण मुझसे कोई लड़ने भी नहीं आता. सड़क पर थूँकने और गंदगी फैलाने की मेरी पुरानी आदत है इसके पीछे मेरी सोच है कि नगर पालिका गंदगी साफ़ करने के लिए बनी है, यदि नगर पालिका मेरी की गंदगी को साफ़ नहीं करती तब शिकायत करते रहता हूँ. हर चीज फुकट में दी जाए, यदि सरकार ने कोई वस्तु महँगी कर दी तो मेरे निशाने पर सरकार रहती है. मै अपना काम छोड़कर देश में मोदी क्यों अफसरों को ताकतवर बनाना चाहता है इसी पर चिंतन करते रहता हूँ, मुझसे आलोचना मोदी की होती है , कोई सुने या न सुने मैं सुनाकर ही दम लेता हूँ. पडोसी सुखी क्यों है इस पर मेरा मंथन सतत चलते रहता है. पड़ोस में रहने वाला ऐसा कोई पडोसी नहीं मिलेगा जिससे मैंने झगड़ा नहीं किया हो यही कारन है कोई मेरे आड़े आज तक नहीं आया है. बुराई को तुरंत ग्रहण कर लेता हूँ. इसीलिए मै बाते नहीं गाली बकते रहता हूँ. गालिया विंभिन्न प्रकार के अलंकार से युक्त होती है. मुझे अपनी गलतिया दुसरो के सर मढ़ने में महारत हासिल है. नियम विरूद्ध सारे काम जब तक नहीं कर लेता सोता नहीं हूँ. नियम से तो काम करते है बिना नियम के काम करने में पुरुषार्थ है इस तथ्य को मैं मानता हूँ. आप क्या सोचते है ?सुनकर गाय पालने की सनक सवार हुयी। गाय को दुहकर उसे सड़क पर छोड़ देता हूँ। मुझे इस बात की कोई फ़िक्र नहीं है कि मेरी गाय यातायात में अवरोध उत्पन करेगी। गाय को चोट लगने पर उससे झगड़ा कर लेता हूँ जिसने गाय को चोट मारी या सरकार को कोसने लग जाता हूँ कैसे अनाड़ी लोगो को वाहन चलाने का परवाना दे रखा है. कुत्ता भी पाल रखा है वह भी आवरा जैसा घूमते रहता है. किसी के घर में घुसे किसे काटे कोई परवाह नहीं। काटने की शिकायत पर मै उसे डाट लगाता हूँ कि कुत्ता तो काटेगा ही क्यों उसके सामने गए. नंगे से खुदा डरे के कारण मुझसे कोई लड़ने भी नहीं आता. सड़क पर थूँकने और गंदगी फैलाने की मेरी पुरानी आदत है इसके पीछे मेरी सोच है कि नगर पालिका गंदगी साफ़ करने के लिए बनी है, यदि नगर पालिका मेरी की गंदगी को साफ़ नहीं करती तब शिकायत करते रहता हूँ. हर चीज फुकट में दी जाए, यदि सरकार ने कोई वस्तु महँगी कर दी तो मेरे निशाने पर सरकार रहती है. मै अपना काम छोड़कर देश में मोदी क्यों अफसरों को ताकतवर बनाना चाहता है इसी पर चिंतन करते रहता हूँ, मुझसे आलोचना मोदी की होती है , कोई सुने या न सुने मैं सुनाकर ही दम लेता हूँ. पडोसी सुखी क्यों है इस पर मेरा मंथन सतत चलते रहता है. पड़ोस में रहने वाला ऐसा कोई पडोसी नहीं मिलेगा जिससे मैंने झगड़ा नहीं किया हो यही कारन है कोई मेरे आड़े आज तक नहीं आया है. बुराई को तुरंत ग्रहण कर लेता हूँ. इसीलिए मै बाते नहीं गाली बकते रहता हूँ. गालिया विंभिन्न प्रकार के अलंकार से युक्त होती है. मुझे अपनी गलतिया दुसरो के सर मढ़ने में महारत हासिल है. नियम विरूद्ध सारे काम जब तक नहीं कर लेता सोता नहीं हूँ. नियम से तो सब काम करते है बिना नियम के काम करने में पुरुषार्थ है इस तथ्य को मैं मानता हूँ. आप क्या सोचते है ?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply