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इस समय कितना शांतिपूर्ण माहौल है , न कोई दंगा न कोई फसाद बस चारो तरफ शांति ही शांति ! थोड़ा बहुत कमलेश को लेकर अशांति है लेकिन मुझे पूरा आशा है की एक न एक दिन यह अति सहिष्णु मुस्लिम समुदाय उन्हें माफ़ कर ही देगा / क्योकि उनमे हिन्दुओ जैसा असहिष्णुता का रोग पैदा नहीं हुआ है यह सिर्फ मई नहीं कह रहा हु , यह सारे सेकुलर, नामचीन और न्यस्त प्रबुद्ध बर्ग कह रहा है /मुझे तो सोच के डर लग रहा है की कही बटवारे के समय यह सष्णु बर्ग पाकिस्तान चला गया होता तो हिन्दुओ को सहिष्णुता का सबक कौन सिखाता / राजनीतिज्ञों का तो काम ही है नए नए शिगूफे पैदा करना / अब नेता जी सुभाष चन्द्र बॉस की फ़ाइल खंगाली जा रही है /जब सत्ता के लिए देश और देश के लोगो को खंड खंड कर देने के बावजूद कांग्रेस के लिए भारतीय जनमानस में कोई आक्रोश नहीं है तो यह सुभाष चन्द्र बॉस के फाइलों से होने वाला रहस्योघाटन कौन सा तूफ़ान ला देगा / हिन्दू जो है हमेशा वही रहेगा / वैसे सहिष्णुता या असहिष्णुता यहाँ किसी घटना या दुर्घटना बस नहीं पैदा होता है , यह तो चुनाव के वक्त अपने आप पैदा हो जाता है /किसी पार्टी में इतना हिम्मत नहीं है की वह उस षड्यंत्रकारी प्राविधान को समाप्त कर दे जिससे देश के लोग भारतीय न होकर सहिष्णु , असहिष्णु, अल्पसंख्यक , बहुसंख्यक , दलित , सवर्ण हो गए है / यद्यपि इससे देश का भला ही होगा लेकिन कितने दलो का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा / अब महगाई का भी कही शोर नहीं सुनाई पड़ रहा है और सुनाई पड़ेगा भी कैसे ? प्याज ६० रु किलो से १५ रु किलो हो गया है और सरकारी कर्मियों का बेतन ३० हजार से ४५ हजार ! फिर महगाई है कहा ?मतलब अब न तो कही असहिष्णुता है और न महगाई !
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