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ग़ज़ल : इस क़दर है तनाव आँखों में

Saarthi Baidyanath
Saarthi Baidyanath
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इस क़दर है तनाव आँखों में
जैसे के हो चुनाव आँखों में
…………………………………..
सबकी आँखों में नूर रब का है
मत करो भेद-भाव आँखों में
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उफ़ ये पाकीज़गी भरी आँखें
डाल दूँ क्या पड़ाव आँखों में
………………………………….
सच कहूँ तो तुम्हारी आँखों की
खल रही है अभाव आँखों में
………………………………….
और क्या चाहिए तुझे अय दिल
हो अगर रख-रखाव आँखों में

#saarthibaidyanath

 

 

 

नोट : उपरोक्त विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं।

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