Menu
blogid : 19970 postid : 909521

प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए

मन के शब्द
मन के शब्द
  • 55 Posts
  • 11 Comments

प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए
प्यार क्या है यह मैं तो नहीं जानता ,प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।
सपने होते हैं सच यह नहीं जानता , सपने देखे हैं मैंने तुम्हारे लिए ।।
एक सुनहरी किरन सी नई भोर हो ,
मैं कहूंगा कि तुम मेरे चितचोर हो ।
मैं तो रातों मे जागा तुम्हारे लिए ।
प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।
सपने होते हैं सच यह मैं नहीं जानता ,सपने देखे हैं मैंने तुम्हारे लिए ।
प्यार क्या है यह मैं तो नहीं जानता ,प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।

मानता हूं कि तुम मेरे भगवान हो ,
चाहता हूं मैं क्या फिर भी अनजान हो ।
मैनें पूजा किया है तुम्हारे लिए ।
प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।
सपने होते हैं सच यह मैं नहीं जानता ,सपने देखे हैं मैंने तुम्हारे लिए ।
प्यार क्या है यह मैं तो नहीं जानता ,प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।

प्यार सच है मेरा मुझको विश्वास है ,
अपनेपन की तुम्हीं से मुझे आस है ।
फूल चुन चुन के लाया तुम्हारे लिए ।
प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।
सपने होते हैं सच यह मैं नहीं जानता ,सपने देखे हैं मैंने तुम्हारे लिए ।
प्यार क्या है यह मैं तो नहीं जानता ,प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।

मैं कहीं भी रहूं याद आते हो तुम ,
मीठी बातों से मुझको लुभाते हो तुम ।
टीस मन मे बढ़ी है तुम्हारे लिए ।
प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।
सपने होते हैं सच यह मैं नहीं जानता ,सपने देखे हैं मैंने तुम्हारे लिए ।
प्यार क्या है यह मैं तो नहीं जानता ,प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।

सारे सोये यहां सब धरा सो गई ,
नींद मेरी न जाने कहां खो गई ।
मैं तो रातों मे जागा तुम्हारे लिए ।
प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।
सपने होते हैं सच यह मैं नहीं जानता ,सपने देखे हैं मैंने तुम्हारे लिए ।
प्यार क्या है यह मैं तो नहीं जानता ,प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।

काशी काबा हो तुम तुम हो येरूशलम ,
मैं कहूंगा नहीं तुम हो गंगा से कम ।
भागीरथ मैं बना हूं तुम्हारे लिए ।
प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।

सपने होते हैं सच यह मैं नहीं जानता ,सपने देखे हैं मैंने तुम्हारे लिए ।
प्यार क्या है यह मैं तो नहीं जानता ,प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।

तुम चाहो अगर पूजना छोंड़ दूं ,
राह मंदिर की मयखाने को मोड़ दूं ।
प्रेम का मैं पुजारी तुम्हारे लिए ।
प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।
सपने होते हैं सच यह मैं नहीं जानता ,सपने देखे हैं मैंने तुम्हारे लिए ।
प्यार क्या है यह मैं तो नहीं जानता ,प्यार सीखा है मैंने तुम्हारे लिए ।।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh