Menu
blogid : 14076 postid : 694057

एक कविता गणतंत्र दिवस पर ……

कुछ मेरे भी मन की बातें ....
कुछ मेरे भी मन की बातें ....
  • 9 Posts
  • 10 Comments

आप सभी को गणतंत्र दिवस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं, जो भी है जैसा भी है देश तो अपना ही है ना, और भारत जैसा भी है भ्रष्ट, अपराधयुक्त, अविकसित, दूषित पर्यावरण युक्त आदि आदि बनाया तो हमने ही है ना … कुछ ना कर सकते हो तो कम से कम एक दो राष्ट्रीय पर्वों पर तो इसकी इज्जत को, इसके सम्मान को बचा लें |…. एक कविता लिखता हूँ , भाव से पढियेगा ….

छब्बीस जनवरी की तिथि ने दिया था वो मान |
भारत को मिल गया था, भारत का संविधान ||

वर्षों की गुलामी को सह, आजादी मिली थी
मानो घने कोहरे के बाद धुप खिली थी
गम के अँधेरे मिट गये, खुशियाँ बनी मेहमान
भारत को मिल गया था, भारत का संविधान |

आजादी तो मिली परन्तु एक दोष था
क़ानून विदेशी को ले, जनता में रोष था
अम्बेडकर नेतृत्व में जुट गए सब विद्वान- तब
भारत को मिल गया था भारत का संविधान |

आओ मनाये मिलकर गणतंत्र दिवस पर्व
एकत्र बिना भेदभाव हो समाज सर्व
ये लक्ष्य संविधान का, सब होवें एक समान
भारत को मिल गया था, भारत का संविधान ||

सचिन कुमार दीक्षित ‘स्वर’
facebook.com/skswar

Read Comments

    Post a comment