कुछ मेरे भी मन की बातें ....
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आओ करें वाद विवाद
भारतरत्न मिलने पर
सचिन को, राजीव को
ना मिलने पर
ध्यानचंद को, अटल को
गिनने बैठे इनके
गुण दोष
तौलें इनकी योग्यता
राजनीति के तराजू पर
क्योंकि ?
कुछ बुद्धिजीवियों को
है संदेह
इनकी क्षमता पर
परिश्रम पर
कार्यशैली पर
और बहुधा
ये है वे लोग
जो बंद कमरे में
घिसते रहे है
मात्र कलम
सिर्फ
पाने के लिए
थोथी प्रशंसा
व्यर्थ आलोचनाओं से
और क्षमा करना
यदि तुमने भी
किया होता कोई
ऐसा काम
आलोचना के अतिरिक्त
तो तुम भी होते रत्न
ना भारत के तो
कुछ ह्रदयों के तो
अवश्य ही |
सचिन कुमार दीक्षित ‘स्वर’
9454512741
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