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अंत या शुरुआत…..

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“गुड night मेसेज से उनदोनों की बातों की शुरुआत होती थी….. फिर वो पूछती क्या कर रहे हो…… उधर से कोई जवाब न आता… फिर वो कहती ‘पता है…आज मेरी “उससे” बात हुई….’ तुरंत से reply आता “किससे”….. इधर वो मुस्कराती रहती….. फिर कहती…. ‘किसी से नहीं’…… फिर धीरे धीरे बात मेसेज से फ़ोन कॉल तक पहुँच जाती…..” पागल थी वो उसके लिए….. हर पल हर वक़्त बस उसी के ख्यालों में खोयी रहती…. सुबह शाम दिन रात सोते जागते बस एक ही नाम गूंजता था उसके जेहन में…. लेकिन फिर भी हर दिन लड़ते थे दोनों….. उसे तब बहुत गुस्सा आता जब वो दूसरी लड़कियों के नाम लेकर उसे छेड़ता था.. उस वक़्त वो उन दोनों की आखिरी बात होती थी..!! कुछ देर दोनों चुप रहते…. लेकिन फिर फ़ोन मेसेज…. शायद वो उससे ‘दूर’ नहीं रह सकती थी……इतनी दूर रहने के बाद भी!!

बहुत खुश रहती थी वो उसके ख्यालों में खो कर…. उन्होंने जीने मरने की कसमे नहीं खायीं…. साथ रहने का कोई वायदा नहीं किया…. फिर भी वो उसमे हर वक़्त डूबी रहती थी…..उसने कभी नहीं सोचा था आगे क्या होगा…. वो क्या करेगी….. बस वो उस हर एक पल को जी लेना चाहती थी जो उसके सपनों के राजकुमार से जुड़ा था!

वो प्रेम में थी….. अनंत प्रेम में…. जहाँ बदले की कोई ख्वाहिश नहीं थी….. कोई उम्मीदें नहीं पाल रखी थी उसने…. जो कुछ उसे चाहिए होता था बोलकर, नाराज़ होकर, रोकर… ले ही लेती थी….!!

ये तो थी एक कहानी….. लेकिन हम जब प्रेम में होते हैं तो पाने की ख्वाहिशें प्रबल हो जाती हैं…. उम्मीदें बढ़ जाती हैं…. उस एक इंसान से…. !! हम भूत भविष्य सोच कर परेशान होने लगते हैं…. सारी मुश्किलें, सारी परेशानियाँ सामने आने लगती हैं….. पारिवारिक बंधन जकड़ने लगते हैं…. एक तरफ माँ बाप का प्यार होता है…. तो दूसरी तरफ अपनी खुशियाँ… कैसा द्वन्द चलता है अंतर्मन में!! इन दोनों प्रेम में भयंकर घमासान होने लगता है….. “अंत में विजय होती है माँ बाप के प्रेम की…. उनके दिए संस्कारों की…. !! ” जी बिल्कुल नहीं….. विजय होती है उस प्रेम की जो उसे शक्ति देता है अपनी खुशियाँ त्यागने की…. अपने परिवार के लिए…..उनकी खुशियों के लिए… उनकी तथाकथित मर्यादा के लिए….. !!

ना जाने ये जीवन का अंत होता है या शुरुआत!!
दोस्तों मैं आप सभी को एक बात बताना चाहती हूँ ये मेरा आखिरी पोस्ट है…… हो सकता है मैं कुछ समय बाद अपना ब्लॉग भी हटा दूं….!!
मुझे यहाँ पर कई अनुभव मिले अच्छे और बुरे दोनों….. और दोनों से ही मझे बहुत कुछ सीखने को भी मिला!! कुछ अच्छे दोस्त मिले…. कभी मौका मिला तो मैं अपने इन दोस्तों से मिलने की इच्छा भी रखती हूँ…..!!

न जाने ये जीवन का अंत है या शुरुआत…….!! 🙂

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