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जोरू और उसका गुलाम…..

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कई साल पहले एक गाना आया था “मैं जोरू का गुलाम बनके रहूँगा” उस वक़्त मुझे जोरू का मतलब नहीं पता था….. मै सोचती थी जोरू मतलब ‘गर्लफ्रेंड’ ….. क्योंकि फिल्मों में भी तो ऐसा ही कुछ दिखाते थे….. !! अब समझ आता है ‘जोरू’…. और ‘गुलाम’ दोनों का मतलब… 🙂 🙂

ये बात थोड़ी कम समझ में आती है… कोई अपनी बीवी से प्रेम करे तो उसको ऐसी उपाधियाँ क्यों देते हैं लोग…. और फिर कहीं नयी नवेली दुल्हन लाकर अगर उसने प्रेम कर लिया तब तो बस….. हो गया उसका कल्याण……. माँ बाप बहन और बाकी के घर वालों के तानों से भगवान् भी नहीं बचा सकते उसको…!! हाय रब्बा !! बेचारा लड़का…!! कौन समझे उसके मन की पीड़ा….. और बेचारी दुल्हन….. वो ना खुश हो सकती है ना दुखी…. अजीब सी परिस्थिति है…… !!

कोई दूसरा बताये या किसी और के साथ हो ऐसा तो बात हंसी मज़ाक और छेडछाड में निकल जाती है….. लेकिन ये है बड़ी गंभीर समस्या…. और कभी कभी रिश्ते बिगड़ भी जाते हैं….. या तो पति-पत्नी के बीच या फिर माँ-बाप के साथ….!!

मुझे समझ नहीं आता क्यों कोई लड़का अपनी पत्नी से प्रेम नहीं कर सकता है…. घर वालों को क्यों परेशानी होती है….. ‘खासकर माँओं को होती है….’ और ये भी एक बहुत बड़ा कारण है सास-बहू के रिश्ते में दरार होने का…. !!

अरे भई एक लड़की जो अपना घर परिवार छोड़ कर आपके घर में आई है तो इसी प्यार के भरोसे पे आई है ना…. कितना मुश्किल होता है अपने माँ बाप को छोड़कर किसी और के घर में जाना वो भी ज़िन्दगी भर के लिए…… उसपे अगर ख़राब व्यवहार हो उस लड़की के साथ तब तो जीना ही मुश्किल हो जाए….. !! अगर घर की बुज़ुर्ग महिलायें ये कहती हैं की कोई नया काम नहीं किया है…. हम भी आये थे अपने माँ बाप को छोड़कर, हर लड़की को करना पड़ता है….. तो मैं उन माताओ से कहना चाहूंगी कि आपको जिन बातों से तकलीफ हुई है वो अपनी बहुओं के साथ मत दोहराइए….. ज़रा सोचिये आपकी बेटी को भी दूसरे के घर जाना है…. 🙂

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