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जब भी दिलेरी वाले किस्सों का जिक्र होता है। तो हर भारतीय की जुबां पर एक ही नाम आता है। वह है शहीदे आजम भगत सिंह, वही आप सभी शहीद भगत सिंह की बहुत सी ऐसी बातें हैं। जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते हैं। क्योंकि वह बातें चर्चित नहीं हुई। जितने चर्चे उनके एक क्रांतिकारी के रूप में हुए और फिर भारत का यह वीर क्रांतिकारी 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गया। आप इन सभी बातों को तो जानते होंगे। पर आप भगत सिंह का एक ऐसा प्रेम भी है। जिसे आप नहीं जानते होंगे। दरअसल आपको बता दें कि भगत सिंह को किताबों से बहुत प्रेम था।
आपको बता दें कि भगत सिंह को किताबें पढ़ने का बहुत शौक था। भारत का एक ऐसा क्रांतिकारी जिसके कारनामों से पूरी अंग्रेजी हुकूमत उसके पीछे पड़ी हुई थी। और उस क्रांतिकारी की दीवानगी किताबों के प्रति यह सुनकर हैरानी तो होती है। वही आपको यह भी बता दें कि भगत सिंह अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में नई-नई किताबें पढ़ा करते थे। आपको यह भी बता दे कि भगत सिंह किताबों को पढ़ते-पढ़ते नोट्स भी बनाते थे। आपको यह भी बता दे कि वह नोट्स आज ऐतिहासिक दस्तावेजों का रुप ले चुके हैं। वही भगत सिंह के द्वारा लिखे गए नोट्स से, उस वक्त देश के हालात और समाज के बारे में भगत सिंह की सोच का पता चलता है।
वहीं कुछ दस्तावेजों से यह भी पता चला है। कि भगत सिंह जब जेल में बंद थे। तब वह बहुत सारी किताबें पढ़ा करते थे। जेल से ही चिट्ठी लिखकर वे अपने दोस्तों से अक्सर किताबे मंगवाते थे। एक ऐसी ही चिट्ठी उन्होंने लाहौर जेल से अपने बचपन के दोस्त जयदेव को लिखी। अपने दोस्त जय देव को लिखी गई। इस चिट्ठी से ही क्रांतिकारी भगत सिंह की किताबों के प्रति दीवानगी साफ झलकती है। इस चिट्ठी से यह साफ पता चलता है। कि भगत सिंह अपने दोस्तों के अध्ययन के प्रति कितने ज्यादा सचेत थे। और आपको बता दें कि वह जेल से ही यथासंभव अपने दोस्तों की मदद करने की कोशिश भी करते रहते थे।
(नीचे वो चिट्ठी हूबहू दी गई है)
सेंट्रल जेल, लाहौर
24 जुलाई, 1930
मेरे प्रिय जयदेव!
कृपया निम्नलिखित किताबें द्वारकानाथ पुस्तकालय से मेरे नाम पर जारी करवाकर शनिचरवार को कुलबीर के हाथ भेज देना।
Materialism( karl liebknecht)
Why men fight (B russell)
The Soviets At Work
Collapse of the Second International
Left-Wing Communism
Field, Factories and Workshops
Land Revolution in Russia
Mutual Aid (Prince Kropotkin)
Civil War in France(Marx)
Spy (Upton Sinclair)
कृपया यदि हो सके तो मुझे एक और किताब भेजने का प्रबंध करना, जिसका नाम Historical Materialism (Bukharin) है। (यह पंजाब पब्लिक लाइब्रेरी से मिल जाएगी)और पुस्तकालय अध्यक्ष से मालूम करना कि कुछ किताबें क्या बोस्ट्रल जेल गई हैं? उन्हें किताबों की बहुत जरूरत है। उन्होंने सुखदेव के भाई जयदेव के हाथों एक सूची भेजी थी, लेकिन उन्हें अभी तक किताबें नहीं मिली हैं। अगर उनके(पुस्तकालय) के पास कोई सूची न हो तो कृपया लाला फिरोजचंद से जानकारी ले लेना और उनकी पसंद के अनुसार कुछ रोचक किताबें भेज देना। इस रविवार जब मैं वहां जाऊं तो उनके पास किताबें पहुंची हुई होनी चाहिए। कृपया यह काम किसी भी हालत में कर देना। इसके साथ ही Punjab Peasants in Prosperity and Debt by Darling और इसी तरह की एक दो अन्य किताबें किसान समस्या पर डा. आलम के लिए भेज देना।
आशा है तुम इन कष्टों को ज्यादा महसूस न करोगे। भविष्य के लिए तुम्हे यकीन दिलाता हूं कि तुम्हें कभी कोई कष्ट न दूंगा। सभी मित्रों को मेरी याद कहना और लज्जावती जी को मेरी ओर से अभिवादन। उम्मीद है कि अगर दत्त की बहन आईं तो वो मुझसे मुलाकात करने का कष्ट करेंगी।
आदर के साथ
भगत सिंह
(किताब ‘शहीदे आज़म की जेल नोटबुक’ से साभार)
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