आज लगभग 4-5 महीनो बाद जागरण जंक्शन पर आना हुआ है, कुछ व्यस्तता के कारण और कुछ इसलिए कि मैं अपना जागरण जंक्शन का पासवर्ड भूल गयी थी, आज बहुत कोशिश करने के बाद नया पासवर्ड मिल पाया है ! हमेशा की तरह मन की भावनाओ को कविता का नाम दे रही हूँ, कविता अच्छी है या बुरी नही मालूम हां इतना जरुर पता है कि भावनाए सच्ची हैं ….!
माँ जो रोटी बनाती है उससे खुशबु आती है कल ही तो मैंने महसूस की थी वो खुशबु जब कहाँ था मम्मा से कि एक ही सही मगर मेरे लिए रोटी आप ही बना दो, मुझे महसूस जो करना था, उसी महक को, जो कभी-कभी जब मैं आँख बंद करती हूँ और देखती हूँ माँ को रोटी बनाते तो मेरे मन को महका देती है …!!
माँ जब हँसती है तो लगता है जैसे हंस रहा हो रसोई का हर एक बर्तन… माँ जब उदास होती है तो लगता है जैसे मायूसी सी छा गयी हो पुरे घर में …. माँ जब बीमार पड़ती है तो लगता है जैसे घर का हर एक कौना हर एक वस्तु, हर एक सदस्य बीमार हो गया हो …. माँ …. अगर तुम चाहती हो कि घर तुम्हारा हमेशा महकता रहे तो तुम कभी उदास न हुआ करो … माँ …. अगर तुम चाहती हो कि घर के सभी सदस्य स्वस्थ रहे, तो तुम कभी बीमार न हुआ करो … माँ ……….. अगर तुम चाहती हो कि हम सभी खुश रहें हमेशा तो तुम हमेशा अपना ख्याल रखा करो ….!!
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