चाँद सितारे … अब तक दूर से देखे अब पास जाने की इच्छा है बादलो में खो जाऊं अब बन धूल उड़ जाने की इच्छा है ……. जीवन पथ पर बढ़ते-बढ़ते जो था सब पीछे छूट गया खून से रिश्ते जुड़े रहे दिल से हर रिश्ता टूट गया … अब हो जाऊं या मैं उनकी या हर एक बंधन तोड़ चलूँ जीवन के सीधे रास्ते को अब एक मोड़ देने की इच्छा है …. आज़ादी क्या होती है आओ तुमको बतलाऊँ पिंजरे में कर कैद रोज ही ऊंचाई आकाश की नपवाऊँ … हुए नही सफल अगर तो सारा ही दोष तुम्हारा है मेहनत में होगी कमी कोई जो पंख होते हुए भी हारा है ……… छोड़ के जग और तोड़ के बंधन अब मेहनत को अपनी इल्जामो से मुक्त करने की इच्छा है …… प्यार, प्रेम और इश्क़, वफ़ा सब बाते हैं बेकामो की जिनके पास है काम बहुत उन्हें फ़िक्र ही कहाँ जज्बातो की सब छोड़-छाड़ कर अब कुछ काम करने की इच्छा है …… चाँद सितारे … अब तक दूर से देखे अब पास जाने की इच्छा है बादलो में खो जाऊं अब बन धूल उड़ जाने की इच्छा है ……. !!!
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