- 208 Posts
- 494 Comments
इर्ष्यालु लोग दूसरों के लिए तो मुसीबत होते ही हैं, स्वयं अपने लिए भी वे बहुत बडी पीडा होते हैं।
विलियम पेन्न अंग्रेज विचारक
इर्ष्या एक कला है। यह कला है, दूसरों की खूबियां गिनने और उस पर कुढने की, बजाय इसके कि अपनी गिनें और खुश हों।
मधुर भंडारकर
इर्ष्या सभी बुराइयों की जड है और इसे जीतना सबसे मुश्किल काम।
स्वामी विवेकानंद
सक्षम और आत्मविश्वासी व्यक्ति कभी किसी से इर्ष्या कर ही नहीं सकता। इर्ष्या वस्तुत: स्वयं को अकारण असुरक्षित महसूस करने का लक्षण है।
रॉबर्ट ए. हेनलेन
अमेरिकी विज्ञान कथाकार
इर्ष्या विफलता का दूसरा नाम है।
चाणक्य
इर्ष्यालु लोग वस्तुत: एक पागल राक्षस के साथ-साथ एक मूढ चेतना के भी कब्जे में होते हैं।
जोहान कैस्पर लैवेस्टर
स्विस कवि एवं मुखाकृति विज्ञानी
इर्ष्या तर्कसंगत है और यह विवेकशील लोगों में ही होती है। जबकि द्वेष ओछी धारणा है और यह ओछे लोगों में ही आश्रय बनाती है। इर्ष्यालु व्यक्ति तो सद्विचार पाने के लिए उद्यत हो सकता है और उन्हें पा भी सकता है, लेकिन द्वेष से भरा व्यक्ति अपने संपर्क में आने वाले दूसरे लोगों को भी अच्छे विचारों से वंचित कर देता है।
अरस्तू
जब आप ऊंची उडान पर होते हैं तो लोग आप पर पत्थर फेंकते ही हैं। नीचे मत देखिए, बस और ऊंचाई की ओर उडते रहें, ताकि उनके पत्थर आप तक पहुंच न सकें।
Read Comments