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Tips for beautiful legs : पैर रहें स्वस्थ और सुंदर

Jagran Sakhi
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beautiful legsआपने महसूस किया होगा कि जब भी कभी आप थोडा टाइट जूता या सैंडल्स  पहनती हैं तो कितनी तकलीफ होती है। एक कदम भी चल पाना मुश्किल होता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर हम यहां आपको एक ऐसी गाइडलाइन  दे रहे हैं, जिसके जरिये आपके पैरों की सेहत अच्छी रहेगी।


अहम है आर्च

आपके पैरों के तलवों में किस तरह का आर्च  बना होता है, यह शायद ही आपको पता होगा। जब भी आप चलती या दौडती हैं तो आपकी एडी और तलवे का वह हिस्सा जहां अंगूठा पैर से जुडा होता है, के बीच का हिस्सा लगभग अकेले ही शरीर का वजन उठाता है। इसका आकार अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होता है। यानी किसी की आर्च  सपाट तो किसी की उठी हुई। यही कारण है कि आपका जूता जब उस साइज के अनुकूल होता है तो उसे पहनकर आपको आराम मिलता है और जब उस साइज के अनुकूल नहीं होता तो तकलीफ होती है।


ध्यान दें: यदि आपके तलवों के आर्च  ऊंचे हैं और आप लो आर्च के लिए डिजाइन किए जूते पहनती हैं तो आपके पैरों के लिगामेंट्स  और बाहरी मांसपेशियों पर जोर पड सकता है। यहां तक कि कमर दर्द की शिकायत भी हो सकती है। वहीं अगर आपके आर्च  लो हैं और आप हाई आर्च के जूते पहनती हैं तो आपको तकलीफ होगी। यह पैरों में सूजन की समस्या का भी एक कारण बन सकता है। अगर आप अब अपने फुटवेयर  चुनने या खरीदने जाएं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।


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अगर आर्च हाई है

अगर आपके पैर बेहद सख्त  हैं और उसमें लचीलापन नहीं है तो जब आप चलती हैं शरीर का भार पूरे पैर पर न पड कर सिर्फ बाहरी हिस्से पर पडता है, जिससे आपको घुटनों के दर्द की समस्या हो सकती है। ऐसे पैरों के लिए अगर आप सही सपोर्ट या कुशन वाले  जूते नहीं चुनेंगी तो आपके जूतों के तल्ले  बाहरी ओर से घिसे नजर आएंगे। यह आप अपने पुराने फुटवेयर  को उठा कर देख सकती हैं।

आपको कुशन वाले फुटवेयर  चुनने चाहिए। आप बैले शू की तरफ ध्यान भी न दें। आपको ऐसे जूतों से बचना चाहिए। आपके लिए वे फुटवेयर ही आरामदेह होंगे, जिनमें अंगूठे  और पैर के जोड के नीचे कुशन लगा हो और जिनकी एडी थोडी उठी हुई हो।


सामान्य आर्च के लिए

ऐसे पैरों के लिए अर्धवक्राकार  फुटवेयर  चुनें। जिनकी एडी बेहद ऊंची, बैले स्टाइल फ्लैट या फिर जो मुडकर तलवे में चिपकते हों, उन्हें बिलकुल इस्तेमाल न करें।


लो आर्च के लिए

ऐसे पैर काफी लचीले होते हैं और चलने पर अंदर की ओर मुडने की संभावना रहती है। ऐसे आर्च  वाले लोगों के पैर का जो अंदरूनी  हिस्सा जूते के सबसे नजदीक रहता है, फुटवेयर  वहीं से फट भी सकता है। ऐसे लोगों को वही जूते पहनने चाहिए जो अच्छा सपोर्ट दें और पैर भीतर की ओर मुडे भी नहीं। यानी बेहद लचीले जूते ऐसे पैरों को आराम देते हैं।


कब बदलें : अमेरिका में हुई एक स्टडी के मुताबिक जिन जूतों को पहनकर आप दौडती हों या रोजाना डांस करती हों या फिर रोजाना टहलने जाती हों, वे जूते आपको 300  से 500  मील की दूरी तय करने के बाद बदल देने चाहिए। ऐसा न करने से स्ट्रेस फ्रैक्चर्स  और प्लांटर फेसाइटिस की आशंका रहती है। जब आप उस फुटवेयर  को पहली बार खरीदें तो उसकी तारीख नोट कर लें। फिर उस आधार पर तय करें कि आप रोजाना कितने मील चलती या दौडती हैं और उसी हिसाब से उसे समय से बदल दें!


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लो आर्च के लिए

चेहरे की खूबसूरती  के साथ-साथ पैरों की खूबसूरती  भी जरूरी है। पैरों को सुंदर बनाने के लिए सफाई, मसाज  के साथ-साथ पेडिक्योर  भी जरूरी है। पैरों को आराम देने के लिए रोजाना फिटकरी व नमक मिले हलके गर्म पानी में 15-20  मिनट तक पैर डुबोएं। इसके बाद कोई अच्छी फुटक्रीम  लगाकर हलकी मालिश करें। एडियों  और नाखूनों  को साफ करने के लिए आप कोई पुराना टूथब्रश  भी इस्तेमाल में ला सकती हैं। सप्ताह में एक बार गुनगुने पानी में कुछ बूंदें लैवेंडर  ऑयल और शैंपू डालकर पैरों को भिगोएं और तौलिये वाले रुमाल से मलकर पैरों को साफ करें।


redजरा संभल कर..

पेडिक्योर  किसी अच्छे सलॉन  में और एक्सपर्ट की देखरेख में ही कराएं। विशेषकर जहां हाईजीन  का विशेष ध्यान रखा जाता है। एक समयसीमा के भीतर ही पेडिक्योर  कराएं। अभी हाल ही में हुए एक शोध और न्यूयार्क के जाने-माने त्वचा रोग विशेषज्ञ रिचर्ड शेर के मुताबिक मेनिक्योर-पेडिक्योर में इस्तेमाल होने वाले कुछ उत्पादों में फॉर्मलडिहाइड  और एसिटोन  जैसे रसायन पाए जाते हैं। इनसे कई लोगों को एलर्जी हो जाती है। एसिटोन  के इस्तेमाल से खुजली और खुश्की  की शिकायत हो सकती है।

एक्सरसाइज

फिटनेस गुरू दिनेश डागर के अनुसार यहां दी जा रही एक्सरसाइज आप घर या दफ्तर में बैठे-बैठे कर सकती हैं। इनके जरिये उंगलियों, पैरों और पिंडलियों को स्ट्रेच करके उन्हें मजबूत बनाया जा सकता है।


हील रेजेज : यह पिंडलियों को सुडौल बनाता है दोनों पैरों पर खडी हो जाएं। पैरों के बीच की दूरी आपके नितंबों के समानांतर हो। संतुलन बनाए रखने के लिए आप चाहें तो कुर्सी का सहारा ले सकती हैं। अब अपने पंजों के बल पर शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। फिर उसी अवस्था में 1-2 सेकंड रुकें। धीरे-धीरे पूर्वस्थिति में आएं। ऐसा 5-6 बार करें।


एंकल लिफ्ट : इससे घुटनों के नीचे टखने व पिंडलियां मजबूत बनती हैं।

-कुर्सी पर बैठ जाएं। फर्श पर नंगे पैर समतल हों। अब एडी को जमीन पर रखे हुए ही दोनों पैरों के अगले हिस्से को ऊपर उठाएं। फिर साइड से बाहर की ओर घुमाएं। फिर उन्हें बीच में लाएं और अंत में भीतर की ओर लाते हुए पूर्व स्थिति में आएं। इस क्रिया को 25-30 बार करें।


टो कर्ल : एडी वाले फुटवेयर पहनने के कारण पैरों पर पडने वाले दबाव को दूर करता है।

-कुर्सी पर इस तरह बैठें कि दोनों पैर जमीन पर समतल हों। तलुवे जमीन पर सट जाएं। अब नीचे की ओर उंगलियों को इस तरह मोडें जैसे आप मुट्ठी बनाना चाहती हों। इस दौरान कोशिश करें कि प्रत्येक उंगली समान रूप से काम करें। 5-6 सेकंड इसी अवस्था में रहें। आराम की मुद्रा में वापस आएं। इस क्रिया को 5-10 बार दोहराएं।


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