Menu
blogid : 24244 postid : 1200297

मोदी की सुनामी और भारतीय राष्ट्रीय राजनीति के नए आयाम

रचना संगम | Rachna Sangam
रचना संगम | Rachna Sangam
  • 4 Posts
  • 1 Comment

“मोदी की सुनामी” ये वाक्य हम 2014 से सुनते आ रहे हैं । 2019 में इसी सुनामी ने एक बार फिर से भारतीय राष्ट्रीय राजनीति को पूरी तरह से डुबो दिया । इस सुनामी के क्या मायने हैं ? क्या जो कांग्रेस के परंपरागत वोटर थे उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया है ? क्या कांग्रेसी खुद सोचने लगे हैं की कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है? 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह मोदी लहर एक बार फिर से पुरे देश में दिखाई दी उससे ये स्पष्ट हो जाता है की देश में अब मोदी की सुनामी चल रही है। इस सुनामी ने भारतीय राष्ट्रीय राजनीति की दिशा और दशा दोनों बदल दी है।

अनुभवी एवं वरिष्ठ नेता  उमर अब्दुल्ला जी ने पहले ही आगाह कर दिया था की कांग्रेस को 2019 की चिंता छोड़कर अब 2024 के बारे में सोचना चाहिए । ये कोई छोटी बात नहीं है, उमर अब्दुल्ला जी एक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और यह बात उन्होंने सार्वजनिक रूप से कही थी।

क्षेत्रीय दलों का गठबंधन भी मोदी सुनामी को रोकने में असफल 

उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में दो परस्पर विरोधी दल  सपा और बसपा साथ आ गए थे फिर भी मोदी लहर की रफ़्तार को रोकने में असफल रहे। अखिलेश जी और मायावती जी की तल्खियां हमेशा सुनने को मिलती थीं, दोनों वास्तव में एक दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं लेकिन ऐसा क्या हुआ की दोनों को साथ आना पड़ा? कारण स्पष्ट था, दोनों चाहते थे की मिलकर कैसे भी बीजेपी की सरकार का विजय अभियान रोका जाये।

फिर भी इस महागठबंधन की वजह से मोदी सुनामी पर कोई खास असर नहीं हुआ और बीजेपी एक बार फिर से सरकार बनाने में सफल हुई । मोदी लहर एक बार फिर 2019 में पुरे भारत में बीजेपी को पूर्ण बहुमत वाली सरकार देने में सफल हुई ।

हिंदुत्व के साथ साथ विकास की राजनीति

मोदी सरकार ने हिंदुत्व के साथ-साथ विकास की राजनीति पे भी बल दिया । सबका साथ, सबका विकास ये 2014 का नारा था और ये बहुत प्रभावी नारा सिद्ध हुआ जिसने समाज के हर तबके का ध्यान अपनी और आकर्षित किया। मोदी सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में काफी अच्छा काम किया । हाईवे, रेलवे, बिजली गाँव-गाँव पहुँचाना, शौचालय, उज्जवला योजना के तहत घरेलू गैस पहुँचाना ये सब अभूतपूर्व कार्य हैं जिनका 2019 में मोदी सरकार दोबारा बनने में महत्वपूर्ण योगदान है।

आगामी चुनौतियाँ

हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ ऐसी है जो इस सरकार को निडरता से एवं निष्पक्षता लेना चाहिए और उसका समाधान करने प्रयास करना चाहिए, जैसे फर्जी गौरक्षक की समस्या, जातिवाद की समस्या, प्रजातंत्र की विश्वसनीयता बनी रहे ऐसे प्रयास करने की नितांत आवश्यकता है। हालाँकि, ये असंभव नहीं है लेकिन कहीं न कहीं दृढ़ता से, राजनीति से परे होकर, जनमानस की भलाई के लिए ऐसी सभी चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh