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संदीप कुमार मिश्र: समय का चक्र निरंतर चलता रहता है,स्थितियां,परिस्थितियां बनती और बिगड़ती रहती है।लेकिन राम करोड़ो-करोड़ो जनमानस के आस्था और विश्वास का केंद्र बिन्दु हैं। संपूर्ण मानव जाति मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम को अनुसरण करती है।जिससे मोहरुपी संसार में रहते हुए भी धर्म-संस्कृति-सभ्यता की रक्षा की जा सके।क्योंकि 21वीं सदी के इस संसार में सब कुछ तो है लेकिन विलुप्त हो रही है तो वो है मानवता,संस्कार,आचरण और मर्यादा…क्योंकि पाश्चात्य संस्कृति हम पर हावी होती जा रही है और हम स्वयं उस रास्ते पर चल पड़े हैं जिसका अंतिम पड़ाव अंधकार रुपी गहरी खाई है,जिससे निकल पाना संभव नहीं,इसलिए आवश्यक है कि अनुसरण और वरण उस विचार का किया जाय जिससे स्वयं संग समाज का उत्थान हो सके,ना कि कार्य ऐसा करें जिससे भविष्य पतन की ओर अग्रसर हो….ऐसे में नि:संदेह अनुसरण और धारण करने योग्य कोई है तो वो हैं प्रभु श्री राम…।यहां कहना जरुरी है Read More
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