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न्यूज नहीं, तौबा-तौबा करते पाकिस्तान के पत्रकार

Sanjay Amaan
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पुलवामा में आतंकी अटैक के बाद से ही पुरे देश में पाक़िस्तान के ख़िलाफ़ आक्रोश उबाल रहा है लोग अपने -अपने तरीके से पाक़िस्तान मुर्दाबाद के नारों की तख़्ती लगा कर अपना विरोध जता रहे है। पुरे सोशल मीडिया पर बहुत से पाक़िस्तान के खिलाफ वीडिओ और पोस्ट देखे और पढ़े जा रहे है। जिनमे से कुछ वीडियो तो बहुत वॉयरल हुए है जिन्हे न्यूज़ चैनल पर भी दिखाया जा रहा है।

 

 

 

भारतीय न्यूज़ टेलीविज़न मीडिया ने तो एक तरह का जंग ही पाक़िस्तान के ख़िलाफ़ छेड़ रखा है हर समाचार चैनल एंकर अपने कुछ पैनलिस्टों के साथ बैठ कर अपने न्यूज़ स्टूडियो से ही शब्द नामक मिशाईल से पकिस्तान पर हमला कर के पाक़िस्तान को बेनक़ाब कर रहा है। एकतरफ़ सीमा पर जहां हिन्दुस्तानी शेर फ़ौजी पाक़िस्तान की नाक में दम करते हुए उनके आतंकी ठिकानो को तहस -नहस कर रहे है उन्हें बर्बाद है , पकिस्तान को उसकी असली औक़ात बता रहे है वही भारतीय मीडिया के हमलों और निंदा से पाकिस्तानी मीडिया बहुत ही बुरी तरफ़ से बौखलाई हुई है पकिस्तान के पत्रकारों को सूझ नहीं रहा है कि वह इमरान खान की सरकार को कैसे प्रोटेक्ट करे और इस बौखलाहट के कारण पाक़िस्तान का एक पत्रकार जो अपने एक वीडिओ में तौबा – तौबा कर रहा है जिसका वीडियो बहुत ही वॉयरल हुआ है वीडियो के अनुसार यह तौबा -तौबा वाला पत्रकार ”सिटी २४ टीवी ” का पत्रकार है जो टमाटर का ज़वाब एटमबम से देने की बात करते हुए सैकड़ो बार तौबा -तौबा बोल रहा है।

व्यक्ति तौबा तभी बोलता है जब वह कोई गलती करता है इस पत्रकार के क़बूलनामे से तो साफ़ पता चलता है कि वह पाक़िस्तान के गुनाहों की माफ़ी मांगते हुए भारत के सामने तौबा -तौबा कर रहा है। वही एक मोहतरमा है जिनका नाम फ़िज़ा खान है वह भी अपने पकिस्तान के स्टूडियो में बैठ कर भारत को भला बुरा कह रही है अपना मानसिक संतुलन ख़राब करते हुए उन्होंने अपने शब्दों के माध्यम से ही अपनी बौख़लाहट साफ़ -साफ़ लफ्ज़ो में बयां कर दिया , हद हो गई इस मोहतमा फ़िज़ा खान की तो बौख़लाहट में ये भूल ही गई कि हिन्दुस्तानी सेना उनके स्टूडियो में भी पहुंच सकती है। इन का वीडिओ भी खूब चर्चा में है।
फ़िज़ा खान हमेशा अपने शो में भारत के ख़िलाफ़ आग उगलती रहती है ” कोहिनूर ” न्यूज़ चैनल की इस एंकर फ़िज़ा खान को शायद पता नहीं उनके पाकिस्तानी कलाकारों का घर हिन्दुस्तान के कारण ही चलता है बर्बाद हो चुके पकिस्तान के पास इनदिनों ज़ुबानी जमा ख़र्च के अलावा और क्या है ? पाक़िस्तान की सरकार अपने इन न्यूज़ चैनलों के माध्यम से अपने आप को प्रेटेक्ट करने का भले ही लाख कोशिश करे मगर वह सारी दुनियाँ के सामने बेनक़ाब हो चुका है। जिन्हे बोलने का ठीक से तमीज़ नहीं है वह पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल के एंकर हमें क्या सीख देंगे मैं तो मोहतरमा फ़िज़ा खान को कहूँगा वह पाकिस्तान में किसी डॉक्टर से अपने बारे में सलाह ले ले कहीं बेवज़ह के शब्दों की गर्मी से हार्ट अटैक न आ जाए।

खैर ये तो थी फ़िज़ा खान अब मैं एक और चैनल शमा टीवी की पत्रकार मोहतरमा का ज़िक्र करूँगा जिनको देख कर और सुन कर हसीं आ रही है , मोहतरमा कहती है ”पाक़िस्तान को धमकियाँ देना तो चाय वाले की मज़बूरी है मगर टाँगे जरूर कापी होंगी कि पकिस्तान ने ज़वाब दे दिया तो एक था मोदी या एक था हिन्दुस्तान न हो जाए , अल्लाह का शुक्र है हमारा वज़ीरेआज़म कोई चाय वाला नहीं है ”.
यह मोहतरमा भांग पी कर स्टूडियो में न्यूज़ पड़ने बैठी ही लगता है तभी तो पिद्दी से अपने पाक़िस्तान को कितना बड़ा बना रही थी वह भूल गई थी कि हर लड़ाई में पाकिस्तान को भारत ने हराया है मगर यह कुत्ते का दुम है दुम ही रहेगा कभी भी सीधा नहीं हो सकता है।

वैसे तो भारतीय न्यूज़ चैनल के कई बड़े पत्रकारों ने इन पाकिस्तानी पत्रकारों को मुख तोड़ ज़वाब दिया है और दे भी रहे है। एक तरफ से देखा जाए तो दोनों देशो के बीच में मीडिया वार चालू हो गया है। शब्द रूपी वाणी से यह लड़ाई लड़ी जा रही है और बहुत जरुरी भी है पाक़िस्तान भारत को कुछ भी कहे हम कैसे बर्दास्त कर सकते है पत्रकार और मीडिया की अहम् ज़िम्मेदारी होती है कि वह किसी भी पड़ोसी मुल्क़ की अपने देश के मीडिया रिपोर्ट को चैलेंज करे और अपने देश का पक्ष रखे भारतीय मीडिया के कुछ पत्रकारों ने बौखलाई पाकिस्तानी मीडिया को अपने अंदाज में ज़वाब दे दिया है मगर कुछ यैसे पत्रकार है जिन्हे सिर्फ़ मोदी में बुराई नज़र आती है उन्होंने किसी भी प्रकार का पाकिस्तानी मीडिया को प्रतिउत्तर नहीं दिया है।
आप समझ गए होंगे कि मैं किन -किन लोगो की बात कर रहा हूँ। साफ़ तौर पर लिख देता हूँ , मैंने अभी तक रविश कुमार की कोइ रिपोर्ट नहीं देखी जो पाकिस्तानी मीडिया को नशीहत देता हो। वही चैनलों से भगाए गए अभिसार शर्मा , पुण्यप्रसून जोशी और न जाने कौन कौन जिन्हे सिर्फ अपने प्रधानमंत्री में बुराई ही नज़र आती है उनलोगो ने भी भाड़ पाकिस्तानी मीडिया के बेतुके बौख़लाहट भरे समाचार का ज़वाब नहीं दिया है।

बहरहाल हमारे सैनिक सीमा पर किसी भी स्तिथी के लिए निपटने को तैयार है। अलगाववादी नेताओ की गिरफ्तारियों से घाटी में तनाव तो बहुत है ही मगर भारतीय मीडिया को भी तैयार रखना चाहिए कि वे आतंकवादियों की फंडिंग से चल रहे पाकिस्तानी मीडिया को भी ज़वाब दे सके। जंग हर तरह से लड़ी जाती है आज ज़माना मीडिया का है हमें मीडिया रूपी जंग को भी जीतना है।
आज कल के घटना क्रम और भारत के कड़े रुख के कारण पाकिस्तानी मीडिया के साथ साथ वहा की सरकार भी बहुत डरी हुई है अपने सरकार के डर को छुपाने के लिए फ़िज़ा खान जैसी चैनल की पत्रकार अपने स्टुडिओ में बैठ कर भारत को गीधड़ भप्की दे रही है।
अमेरिका के डोनल ट्रंप के उस बयान से भी बहुत ही ज़्यादा घबड़ाहट और बेचैनी पाक़िस्तान में फ़ैल गई थी जिसमे ट्रंप ने कहा था कि -” भारत बहुत सख़्त कदम उठाने की सोच रहा है। आज पुलवामा अटैक के बाद से ही भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पकिस्तान को चारो तरफ से घेर के रखा है।

पकिस्तान सरकार अपनी बौख़लाहट और परेशानी को छुपाने के लिए अपनी मीडिया का सहारा ले रहा है। मगर वह भी भारत से पाक़िस्तान के गुनाहों की माफ़ी मांगते हुए -” तौबा – तौबा – तौबा -तौबा , कर रहा है।

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