sanjaykablog
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माँ के साथ बेटे का रिश्ता दुनिया के हर रिश्ते से बड़ा होता है…..क्योंकि माँ का रिश्ता सबसे बड़े रिश्ते से भी ९ महीने बड़ा होता है……..माँ के बारे में कुछ भी कह लो कम है क्योंकि माँ तो बस माँ होती है….अपनी माँ से आप कितना लड़ लो झगड लो नाराज़ हो लो लेकिन माँ कभी नाराज़ नहीं होती है क्योंकि माँ तो बस माँ होती है…..बेटा चाहे कितना बड़ा हो जाये, उसके मन में माँ के लिए चाहे प्यार कम हो जाय पर माँ का प्यार अपने बेटे के लिए कभी कम नहीं होता क्योंकि माँ तो बस माँ होती है…..जो माँ का अनादर करते हैं उनके लिए अगली पंक्तियाँ हैं…. कि अपनी माँ को दुत्कारने वालोँ, माँ क्या होती है उनसे पूछो जिन बच्चों की माँ “नहीं” होती है…….क्योंकि माँ तो बस माँ होती है…
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