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पार्टनर, तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है?

सत्यानाशी
सत्यानाशी
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इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (आईसीएआई) ने एक परिपत्र जारी करके अपने सदस्यों को चेतावनी दी है कि :
1. नोटबंदी को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल न उठायें.
2. किसी भी लेख या इंटरव्यू में नोटबंदी पर अपनी निजी नकारात्मक राय न दें, क्योंकि ऐसा करना देशहित में नहीं होगा.

एक नागरिक की हैसियत से मैं निम्न सवाल आईसीएआई से पूछना चाहता हूं :
1. क्या आईसीएआई को ऐसा परिपत्र जारी करने का कोई अधिकार है?
2. क्या आईसीएआई ने एक स्वायत्त संस्था का दर्ज़ा खो दिया है और क्या अब वह संघ-नियंत्रित सरकारी संस्था बन गई है?
3. क्या आईसीएआई अपने सदस्यों की राय या नज़रिए का हनन कर्नाचाहती है? या उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को ख़त्म करने का कोई ठेका मिल गया है?
4. जो लोग/संस्था नोटबंदी का तार्किक विरोध कर रहे हैं, उन्हें देश के हितों की परवाह नहीं है? क्या वे ‘देशद्रोही’ लोग हैं??
5. यदि संस्था का कोई सदस्य इस परिपत्र का पालन नहीं करता, तो क्या उसे संस्था से निष्कासित किया जायेगा या उसके खिलाफ ‘देशद्रोह’ का मामला दायर किया जायेगा?

आईसीएआई को साफ़ करना चाहिए कि उसकी ‘पॉलिटिक्स’ क्या है?

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